सोशल संवाद डेस्क : गीता में चौथे अध्याय के एक श्लोक में भगवान कृष्ण ने कहा है :
यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत ।
अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् ॥
इसका अर्थ है मै प्रकट होता हूं, मैं आता हूं, जब जब धर्म की हानि होती है, तब तब मैं आता हूं, जब जब अधर्म बढता है तब तब मैं आता हूं, सज्जन लोगों की रक्षा के लिए मै आता हूं, दुष्टों के विनाश करने के लिए मैं आता हूं, धर्म की स्थापना के लिए में आता हूं और युग युग में जन्म लेता हूं।
हर युग में लोगों के कष्ट दूर करने के लिए भगवान विष्णु ने अवतार लिए है . वैसे तो भगवान विष्णु के अनेक अवतार हुए हैं लेकिन उनमें 10 अवतार ऐसे हैं, जो प्रमुख रूप से स्थान पाते हैं।
- मत्स्य अवतार :
मत्स्य अवतार भगवान विष्णु का पहला अवतार है। इस अवतार में विष्णु जी मछली बनकर प्रकट हुए थे। मान्यता के अनुसार एक राक्षस ने जब वेदों को चुरा कर समुद्र की गहराई में छुपा दिया था, तब भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार में आकर वेदों को दुबारा स्थापित किया। - वराह अवतार :
वराह अवतार हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार भगवान विष्णु के दस अवतारों में से तीसरा अवतार है। इस अवतार में भगवान ने सुअर का रूप धारण करके हिरण्याक्ष राक्षस का वध किया था। - कच्छप अवतार :
कूर्म अवतार को ‘कच्छप अवतार’ भी कहते हैं। इसमें भगवान विष्णु कछुआ बनकर प्रकट हुए थे। कच्छप अवतार में श्री हरि ने क्षीरसागर के समुद्रमंथन में मंदर पर्वत को अपने कवच पर रखकर संभाला था। - नृसिंह भगवान :
भगवान विष्णु के दस अवतारों में से चौथा अवतार नृसिंह हैं। इस अवतार में वे आधे शेर और आधे मनुष्य बनकर प्रकट हुए थे।इसमें भगवान का चेहरा शेर का था और शरीर इंसान का था। नृसिंह अवतार में उन्होंने अपने भक्त प्रहलाद की रक्षा के लिए उसके पिता राक्षस हिरणाकश्यप को मारा था। - वामन अवतार :
भगवान विष्णु का पांचवां अवतार हैं वामन।इसमें भगवान ब्राम्हण बालक के रूप में धरती पर आए थे और प्रहलाद के पौत्र राजा बलि से दान में तीन पद धरती मांगी थी। तीन कदम में वामन ने अपने पैर से तीनों लोक नाप कर राजा बलि का घमंड तोड़ा था। - परशुराम :
विष्णु के अवतार परशुराम राजा प्रसेनजित की बेटी रेणुका और भृगुवंशीय जमदग्नि के पुत्र थे। दशावतारों में से वह छठवां अवतार थे। परशु लेने के कारण वह परशुराम कहलाते थे। कहा जाता है इन्होंने क्षत्रियों का कई बार विनाश किया था।क्षत्रियों के अहंकारी विध्वंश से संसार को बचाने के लिए इनका जन्म हुआ था। - श्रीराम :
विष्णु के दस अवतारों में से एक है मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम।महर्षि वाल्मिकि ने राम की कथा संस्कृत महाकाव्य रामायण में लिखी थी। तुलसीदास ने भक्ति काव्य श्री रामचरितमानस की रचना की थी।श्रीराम ने रावण का वध कर संसार का कल्याण किया था । - श्री कृष्ण :
यशोदा नंदन श्री कृष्ण भी विष्णु के अवतार थे। भागवत ग्रंथ मेंभगवान कृष्ण की लीलाओं की कहानियां है। इनके अनेकों नाम हैं। श्री कृष्ण की महाभारत के युद्ध में बहुत बड़ी भूमिका थी।वह इस युद्ध में अर्जुन के सारथी थे।उन्होंने युद्ध से पहले अर्जुन को गीता उपदेश दिया था। - भगवान बुद्ध :
भगवान बुद्ध को भगवान विष्णु का 9वां अवतार माना जाता है। उन्होंने विश्व में शांति स्थापना के लिए यह अवतार लिया था। - कल्कि अवतार :
कल्कि अवतार भगवान विष्णु का आखरी अवतार माना जाता है। कल्कि पुराण के अनुसार श्री हरि का ‘कल्कि’ अवतार कलियुग के अंत में होगा।उसके बाद धरती से सभी पापों और बुरे कर्मों का विनाश होगा, और दुबारा सतयुग की स्थापना होगी।