सोशल संवाद डेस्क : विपक्ष की 19 पार्टियां संसद के नए भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं होंगी। बुधवार को एक ज्वाइंट स्टेटमेंट में बायकॉट करने की जानकारी दी। कांग्रेस, लेफ्ट और टीएमसी सहित 19 विपक्षी दलों ने बुधवार को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने के अपने फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि उन्हें नए भवन में कोई मूल्य नहीं है। जब लोकतंत्र की आत्मा को चूस लिया गया है।
इस बीच गृहमंत्री अमित शाह ने आज सुबह प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया, ‘नए संसद भवन को 60 हजार श्रमयोगियों ने रिकॉर्ड समय में बनाया है। इसलिए PM इस मौके पर सभी श्रमयोगियों का सम्मान भी करेंगे। इसे राजनीति से ना जोड़ें। राजनीति तो चलती रहती है। हमने सबको आमंत्रित किया है। हमारी इच्छा है कि सभी इस कार्यक्रम में हिस्सा लें।

यह पार्टी कार्यक्रम का हिस्सा नहीं बनेंगे
कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (AAP), तृणमूल कांग्रेस, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK), राष्ट्रीय जनता दल (RJD), जनता दल-यूनाइटेड (JDU), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP), समाजवादी पार्टी, उद्धव ठाकरे की शिवसेना गुट, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया, झारखंड मुक्ति मोर्चा, ओवैसी की AIMIM, केरला कांग्रेस मनी, विदुथलाई चिरूथाइगल कच्छी, राष्ट्रीय लोक दल, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, नेशनल कॉन्फ्रेंस और रेवॉल्युशनरी सोशलिस्ट पार्टी और मरूमलारची द्रविड मुनेत्रद कडगम (MDMK) इस कार्यक्रम का हिस्सा नहीं बनेंगे।
TMC सांसद डेरेक बोले- यह राष्ट्रपति का अपमान
TMC सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने भी संसद की नई बिल्डिंग का राष्ट्रपति द्वारा उद्घाटन नहीं करने पर उनका अपमान बताया। ब्रायन ने कहा, यह भारत के दलित आदिवासी और वंचित समाज का अपमान है। उन्होंने आगे कहा, संसद सिर्फ एक नई इमारत नहीं है, यह पुरानी परंपराओं, मूल्यों, मिसालों और नियमों और भारतीय लोकतंत्र की नींव है। PM मोदी के लिए बिल्डिंग का इनॉगरेशन सिर्फ उनके लिए है, हमारे लिए नहीं।
नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति करें, PM नहीं – राहुल गांधी
21 मई को राहुल गांधी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा- संसद के नए भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ही करना चाहिए, प्रधानमंत्री को नहीं। न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, कांग्रेस ने कहा- 28 मई को हिंदुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर की जयंती है। इसी दिन नए संसद भवन का उद्घाटन करना राष्ट्र निर्माताओं का अपमान है।







