सोशल संवाद/ डेस्क: झारखंड का कोल्हान प्रमंडल अब हाथियों के लिए उसका क़ब्रगाह बन गया है। कोल्हान में हर साल 2 से 3 हाथियों की मौत हो जाती है। जून 2024 में ही चार दिनों में तीन हाथियों की मौत हुई थी। पश्चिमी सिंहभूम जिले के सारंडा जंगल में दो हाथियों की मौत हो गई थी। जबकि इससे पहले एक और हाथी ने दम तोड़ दिया था। वहीं 17 जुलाई 2025 को जमशेदपुर चाकूलिया वन क्षेत्र से सटे बंगाल झाड़ग्राम-बांसतोला रेलवे लाइन पार करने के दौरान देर रात 3 हाथियों का ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो।
दक्षिण पूर्व रेलवे खड़गपुर डिवीजन के सरडीहा झाड़ग्राम सेक्शन में रेल ट्रेक पार कर रहे तीन हाथी ट्रेन की चपेट आ गए। जिस कारण ट्रेन की चपेट में आने से तीन हाथियों की मौत हो गई। घटना की जानकारी पाकर वन विभाग का टीम अमला पहुंचा। और
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घटनास्थल से मृतक हाथियों के शव को हटाया गया। अब लाइन चालू किया गया। इस घटना पर अब तक रेलवे के खड़गपुर डिवीजन से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। और किसी तरह से हाथियो के झुंड को वहां से हटाने के बाद ट्रेनो का परिचालन सामान्य कराया गया।
आपको बता दे दी झुंड के तीन हाथियों की मौत को बाद रेलवे ट्रैक पूरी तरह से प्रभावित हो गया था। इस बीच टाटा-हावड़ा रेलखंड के रेल यात्रियों को भारी परेशानी हुई।हालाकि अब ट्रेनो का परिचालन शुरू कराया गया है।
हाथियो की मौत मे आखिर कौन दोषी है? कोल्हान में तीन जिलों में सात साल में अब तक दस हाथियों की मौत हो चुकी है।








