सोशल संवाद / डेस्क : जमशेदपुर में डेंगू महामारी का रूप ले लिया है। सबसे अधिक प्रभावित मानगो क्षेत्र की लगभग 3.2 लाख आबादी व जुगसलाई की करीब 1.10 लाख आबादी भगवान भरोसे है। हालांकि कंपनी कमांड एरिया के लगभग 6 लाख आबादी को कंपनियों के सीएसआर के तहत डेंगू के बचाव का उपाय किया जा रहा है। डेंगू से बचाने की जिम्मेवारी मलेरिया, फाइलेरिया विभाग तथा नगर निकाय का है, लेकिन जुगसलाई और मानगो में विभाग न तो डेंगू के लार्वा की पर्याप्त जांच करा रहा है न ही कहीं जरूरत के मुताबिक जांच कराई जा रही है।
विभाग के अधिकारी जब जिले की रिपोर्ट तैयार करते हैं तो कमांड एरिया में कंपनियों के सीएसआर (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी) के तहत डेंगू से बचाव के लिए किए जा रहे काम को अपनी उपलब्धि बता दे रहे हैं। स्वयंसेवी संस्थाएं व कंपनियां की ओर से डेंगू रोकथाम के लिए किए जा रहे एंटी लार्वा छिड़काव, जांच, जागरूकता कार्यक्रम के दौरान फोटो खिंचवा कर डेटा तैयार कर विभाग को भेजा जा रहा है।
कहां कितने मरीज
मानगो, डिमना चौक, उलीडीह क्षेत्र – 171
जुगसलाई, कीताडीह बागबेड़ा – 66
भुइयांडीह, भालुबासा, सीतारामडेरा, एग्रिको, सिदगोड़ा – 74
नीलडीह, नामदा बस्ती, गोलमुरी – 98
साकची, बाराद्वारी, काशीडीह – 47
बिष्टुपुर, धतकीडीह, शास्त्री नगर, कदमा और सोनारी- 76
नगर निकायों की जहां जिम्मेदारी, वहां डेंगू के सबसे अधिक मरीज
जिला मलेरिया, फाइलेरिया विभाग व नगर निकायों के पास मानगो व जुगसलाई की जिम्मेदारी है। लेकिन यहीं पर डेंगू के सबसे अधिक मरीज मिले हैं। क्योंकि यहां विभाग व नगर निकायों की ओर से कुछ नहीं किया जा रहा है। वहीं कंपनी कमांड व बागान एरिया में जुस्को, टाटा मोटर्स, जेम्को, टिनप्लेट कंपनियां डेंगू रोकथाम के लिए कदम उठा रही हैं। बागान एरिया और कमांड एरिया में एंटी लार्वा की छिड़काव किया जा रहा है। कई स्वयंसेवी संस्थाएं भी इसमें अपनी भूमिका कंपनियों के सहयोग से निभा रही हैं।
कितने कर्मचारी लगे हैं इस पर अधिकारियों के दावे अलग-अलग
डेंगू के बढ़ते प्रकोप के बीच इसकी रोकथाम के लिए कितने अधिकारी कर्मचारी लगे हैं इसको लेकर अधिकारियों में ही विरोधाभास है। जिला मलेरिया पदाधिकारी पदाधिकारी डाॅ. अनंदया मित्रा व मलेरिया इंस्पेक्टर श्रवण के मुताबिक मानगो व जुगसलाई में 19 कर्मचारी लार्वा की खोज में लगे हैं। फाइलेरिया विभाग के सुपरवाइजर रूप कच्छप ने मुताबिक, 6 टीम डेंगू लार्वा की खोज, एंटी लार्वा का छिड़काव व जागरूकता अभियान में लगी है। ये अधिकारी नहीं बता पा रहे अब तक कितना एंटी लार्वा का छिड़काव हो चुका है।