सोशल संवाद/ डेस्क: छत्तीसगढ़ में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने बनाने के लिए शिक्षकों के पांच हजार रिक्त पदों पर चरणबद्ध भर्ती की जाएगी। इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। शिक्षा विभाग के बयान के अनुसार, इस निर्णय से राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में अध्ययन और अध्यापन व्यवस्था को गति मिलेगी तथा विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त होगी। शिक्षकों के रिक्त पदों पर भर्ती को लेकर विभागीय स्तर पर तैयारियां प्रारंभ कर दी गई हैं।
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण पहल की जा रही है। इन्हीं पहल में शामिल है स्कूलों और शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण। युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया राज्य में शुरू कर दी गई है। इसके पूरा होने के बाद शिक्षकों के रिक्त पदों का आकलन करके नई भर्ती की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
राज्य की 30,700 प्राथमिक शालाओं में औसतन 21.84 बच्चे प्रति शिक्षक हैं और 13,149 पूर्व माध्यमिक शालाओं में 26.2 बच्चे प्रति शिक्षक हैं, जो कि राष्ट्रीय औसत से कहीं बेहतर है। 212 प्राथमिक स्कूलों में हालांकि अभी भी शिक्षक नहीं हैं और 6,872 प्राथमिक स्कूलों में केवल एक ही शिक्षक कार्यरत है।
पूर्व माध्यमिक स्तर पर 48 स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं और 255 स्कूलों में केवल एक शिक्षक है। तीन सौ 62 स्कूल ऐसे भी हैं जहां शिक्षक तो हैं, लेकिन एक भी छात्र नहीं है। इसी तरह शहरी क्षेत्र में 527 स्कूलों में छात्र-शिक्षक अनुपात 10 या उससे कम है। 1,106 स्कूलों में यह अनुपात 11 से 20 के बीच है। 837 स्कूलों में यह अनुपात 21 से 30 के बीच है। लेकिन 245 स्कूलों में यह अनुपात 40 या उससे भी ज्यादा है, यानी छात्रों की दर्ज संख्या के अनुपात में शिक्षक कम हैं।