सोशल संवाद/डेस्क: वर्ष 2000 में BSNL की स्थापना और झारखंड राज्य के गठन के साथ प्रदेश में डिजिटल कनेक्टिविटी का नया दौर शुरू हुआ। शुरुआती वर्षों में सीमित संसाधनों और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद BSNL झारखंड ने राज्य में मजबूत टेलीकॉम नेटवर्क की नींव रखी। आज करीब 16 लाख उपभोक्ता BSNL मोबाइल सेवाओं का उपयोग कर रहे हैं।
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शुरुआत रांची के किराए के भवन से हुई, और 2003 में पहली बार मोबाइल सेवाएं शुरू हुईं। कुछ ही वर्षों में 2G से 3G और फिर 4G तक तकनीकी विकास ने झारखंड को हाई-स्पीड डेटा युग में पहुंचाया। 2024 में शुरू की गई स्वदेशी सी-डॉट आधारित 4G सेवाओं ने इस सफर को आत्मनिर्भर भारत की दिशा में और आगे बढ़ाया।
बीएसएनएल ने नक्सल प्रभावित इलाकों में भी कनेक्टिविटी का चमत्कार किया 800 से अधिक टावर स्थापित कर पहली बार हजारों गांवों तक नेटवर्क पहुंचाया। भारतनेट और एफटीटीएच परियोजनाओं के माध्यम से शिक्षा, स्वास्थ्य और सरकारी सेवाओं को डिजिटल शक्ति मिली। आज 50 हजार से अधिक एफटीटीएच उपभोक्ता राज्य में सक्रिय हैं।
इंटरप्राइज बिजनेस बीएसएनएल की बड़ी ताकत बन चुका है। कोयला, इस्पात और खनन क्षेत्रों, जैसे– बीसीसीएल, सीसीएल, सेल, सीएमपीडीआई के लिए अत्याधुनिक डिजिटल समाधान उपलब्ध कराए गए। स्वास्थ्य विभाग को 117 करोड़ की परियोजना के तहत अस्पतालों और पीएचसी-सीएचसी में वाईफाई सेवाएं दी जा रही हैं।
भविष्य की दिशा भी स्पष्ट है 2026 में 5G, और 2030 तक 6G सेवाओं को राज्यभर में पहुंचाने की तैयारी चल रही है। फाइबर नेटवर्क को और मजबूत करने, स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने और दूरदराज के गांवों तक ब्रॉडबैंड पहुंचाने पर फोकस है।
बीएसएनएल झारखंड आज केवल एक टेलीकॉम कंपनी नहीं, बल्कि प्रदेश के विकास का भरोसेमंद भागीदार बनकर उभरा है जहां कभी सिर्फ 13 बीटीएस थे, वहाँ आज 6000 से अधिक टावर खड़े हैं और डिजिटल भविष्य की मजबूत नींव तैयार है।








