सोशल संवाद/डेस्क: अब कर्मचारी नौकरी नहीं रहने पर अगले दिन ही अपने PF अकाउंट से 75% राशि निकाल सकते हैं। पैसा निकालने के लिए पहले की तरह 2 महीने तक इंतजार नहीं करना होगा। इसके अलावा 12 महीने तक बेरोजगार रहने पर आप PF अकाउंट से 100% राशि निकाल सकेंगे।
यह भी पढ़ें: Flipkart Diwali Sale: सिर्फ ₹9,999 में खरीदें Realme 14 Pro, जानें पूरी ऑफर डिटेल्स
एम्पलॉई प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन (EPFO) ने 13 अक्टूबर को हुई सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) की मीटिंग में यह फैसला लिया था। लेकिन नए नियमों में नौकरी जाने पर पर PF अकाउंट से पैसे निकालने की समय अवधी को लेकर कन्फ्यूजन था।
कई रिपोर्ट्स में ये दावा किया जा रहा था कि नौकरी छूटने पर अब 12 महीने तक लगातार बेरोजगार रहने के बाद ही PF का पैसा निकाला जा सकेगा। इस भ्रम पर श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया ने स्पष्टीकरण दिया। उन्होंने कहा कि 12 महीने की बेरोजगारी की शर्त को लेकर जो भ्रम फैलाया गया, वह सही नहीं है। नए नियमों के तहत अगर कोई सब्सक्राइबर (सदस्य) एक दिन भी बेरोजगार होता है, तो वह अपने PF बैलेंस का 75% हिस्सा तुरंत निकाल सकता है।
EPFO की मीटिंग में लिए गए बड़े फैसले…
- अब 100% निकासी की सुविधा
EPFO ने पुराने 13 कठिन नियमों को खत्म कर अब केवल तीन कैटेगरी में पार्शियल विड्रॉल के नियम बनाए हैं। जिसमें आवश्यक जरूरतें (बीमारी, शिक्षा, शादी), हाउसिंग जरूरतें (मकान से जुड़े खर्चे) और विशेष परिस्थितियां शामिल हैं। अब सदस्य अपने PF खाते में मौजूद पूरी राशि (कर्मचारी और नियोक्ता दोनों हिस्सों समेत) निकाल सकेंगे।
पहले शिक्षा और शादी के लिए केवल 3 बार निकासी की अनुमति थी, लेकिन अब शिक्षा के लिए 10 बार और शादी के लिए 5 बार निकासी की जा सकती है। इसके अलावा, मिनिमम सर्विस पीरियड यानी न्यूनतम सेवा अवधि को भी घटाकर 12 महीने कर दिया गया है, जो पहले अलग-अलग जरूरतों के लिए अलग थी।
- बिना कारण बताए निकासी
पहले विशेष परिस्थितियों (जैसे प्राकृतिक आपदा, बेरोजगारी, महामारी) में निकासी के लिए कारण बताना पड़ता था, जिसके चलते कई बार क्लेम खारिज हो जाते थे। अब इस झंझट से छुटकारा मिल गया है। सदस्यों को विशेष परिस्थितियों में बिना कोई कारण बताए निकासी की सुविधा मिलेगी।
- 25% मिनिमम बैलेंस जरूरी
EPFO ने यह भी सुनिश्चित किया है कि सदस्यों के खाते में हमेशा 25% राशि मिनिमम बैलेंस के तौर पर रहे। इससे सदस्यों को 8.25% की ब्याज दर और चक्रवृद्धि ब्याज यानी कंपाउंड इंटरेस्ट का फायदा मिलता रहेगा, जिससे रिटायरमेंट के लिए अच्छा-खासा फंड तैयार हो सकेगा।
- ऑटो सेटलमेंट प्रोसेस आसान
नए नियमों के तहत कोई दस्तावेज जमा करने की जरूरत नहीं होगी। निकासी की प्रोसेस को पूरी तरह ऑटोमैटिक करने की तैयारी है, जिससे क्लेम्स का निपटारा तेजी से होगा। साथ ही समय से पहले फाइनल सेटलमेंट की अवधि को 2 महीने से बढ़ाकर 12 महीने और पेंशन निकासी की अवधि को 2 महीने से 36 महीने कर दिया गया है। इससे सदस्य अपनी जरूरतों के लिए पैसा निकाल सकेंगे, वो भी अपने रिटायरमेंट फंड का यूज किए बिना।








