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शौर्य दिवस के रूप मे मनाई गयीं महाराणा प्रताप की 483 वी जयंती

By admin

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सोशल संवाद/डेस्क : अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के प्रदेश महामंत्री समरेश सिँह के अध्यक्षता मे आज दिनांक 9 मई को वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप के 483 वी जयंती पर साकची मरीन ड्राइव स्थित उनके आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। मौक़े पर मुख्य अतिथि के रूप मे प्रदेश संरक्षक चन्द्रगुप्त सिँह एवं विशिष्ट अतिथि के रूप मे राष्ट्रीय महामंत्री डॉ एम एस सिंह मानस उपस्थित थे।

मौक़े पर उपस्थित दर्जनों वीरांगनाए भी उपस्थित थी। कार्यक्रम मे उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए सिँह ने कहा की हल्दी घाटी का वो रणक्षेत्र आज भी महाराणा प्रताप की शौर्य गाथा कहता है जिसमे मुट्ठी भर सेना को लेकर ना सिर्फ मुगलो की सेना को धूल चटा दी बल्कि मुगलो के प्रधान सेनापति बहलोल खान को उसके घोड़े समेत बिचौबीच काट दिया था, जिसके बाद मुगलो की सारी सेना भाग ख़डी हुई थी।

उनका सारा संघर्ष पूर्ण रहा उन्होंने युद्ध के वक़्त सूखे घाँस की रोटी खायी पर विरोधियो के सामने हथियार नहीं डाले उनके सेना मे कोल भील जाति एवं मुस्लमान भी काफ़ी संख्या मे थे युद्ध मे उनको संसाधन मुहैया करवाने हेतु महादानी भामाशाह ने अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। ऐसे उदाहरण को अपने जीवन मे आत्मसात करते हुए आज के युवाओं को उनने प्रेरणा लेनी चाहिए के लिए प्रेरणादायक है उनके सम्पूर्ण जीवन को झारखण्ड सरकार के पाठ्यक्रम मे शामिल करने एवं उनके जयंती 9 मई को राजकीय अवकाश घोषित करने की माँग की।।

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