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असली सोने से बना है ये पूरा मंदिर , कहलाता है दक्षिण भारत का गोल्डन टेम्पल

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सोशल संवाद / डेस्क (रिपोर्ट : तमिश्री )- गोल्डन टेम्पल के बारे में तो आप सबने सुना ही होगा ।  पर क्या आप सब ऐसे गोल्डन टेम्पल के बारे में जानते है जो 15,00 किलो सोने से बना है ।  जी हा हमारे भारत देश में एक ऐसा मंदिर है जिसमे तकरीबन 15,00 किलोग्राम विशुद्ध सोने का इस्तेमाल किया गया था। ये भव्य मंदिर दक्षिण भारत के तमिलनाडु में मौजूद है ।  इस मंदिर को महालक्ष्मी स्वर्ण मन्दिर और श्रीपुरम गोल्डन टेम्पल के नाम से भी जाना जाता है ।  पंजाब के अमृतसर में बने खूबसूरत गोल्डन टेम्पल की तरह ही वैल्लोर स्थित गोल्डन टेम्पल भी विश्व के अजूबों में शामिल है। सोने से बने इस अद्भुत मंदिर की खूबसूरती को देखने के लिए प्रतिदिन एक लाख से ज्यादा श्रद्धालु आते हैं।

बताया जा रहा है कि इस मंदिर के निर्माण में 1500 किलोग्राम शुद्ध सोने का इस्तेमाल किया गया है । कहा जाता है कि इस अद्भुत और अनोखे स्वर्ण मंदिर को बनवाने का विचार नारायणी अम्मा के पास आया था जिसके बाद इस विशाल मंदिर का निर्माण करवाने का फैसला किया। इस मंदिर को बनाने में लगभग 7 साल का समय लगा और साल 2007 में इस मंदिर का उद्घाटन किया गया। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह मंदिर महालक्ष्मी को समर्पित है। रात में इस मंदिर की खूबसूरती देखते ही बनती है। रोशनी पड़ते यह मंदिर हजारों दियों तरह जगमग हो उठता है।

श्रीपुरम स्वर्ण मंदिर की वास्तुकला काफी अद्भुद और अद्वितीय है जिस पर सोने की परत चढ़ी हुई है। बता दे 100 एकड़ में फैले हुए एक पार्क में स्थित श्रीपुरम स्वर्ण मंदिर में लगभग 1500 किलोग्राम सोने का उपयोग मंदिर और के बाहरी हिस्सों को कवर करने के लिए किया गया है। बता दे मंदिर के हर हिस्सों को असली सोने की पन्नी से कवर किया गया है। जबकि मंदिर के अन्दर देवी महालक्ष्मी की एक 70 किलो सोने से बनी दिव्य मूर्ति स्थापित है। मंदिर के चारों ओर हरे-भरे पार्क हैं, और एक इको-तालाब भी है, जिसे भारत में मौजूद सभी प्रमुख नदियों से पानी लाकर बनाया गया था। इस पार्क में पौधों और फूलों की लगभग 20,000 विभिन्न प्रजातियाँ भी मौजूद हैं जो इसकी सुन्दरता में चार चाँद लगाने का कार्य करती है।

मंदिर में 9 से 15 सोने की परतें हैं, जिन्हें शिलालेखों द्वारा सुशोभित किया गया हैं। मंदिर में शिलालेख की कला वेदों से ली गई हैं। इस गोल्डन टेम्पल के निर्माण में करीब 300 करोड़ रूपए की लागत आई थी।

आपको बता दे मंदिर में अभिषेकम सुबह 4 बजे से 8 बजे तक होती है और आरती सेवा शाम 6 से 7 बजे के बीच आयोजित की जाती है। मंदिर रोजाना सुबह 8 से रात्रि 8 के तक भक्तों के लिये वर्षभर खुला रहता है। मंदिर के लिए नियम के अनुसार, कोई भी भक्त लुंगी, शॉर्ट्स, नाइटी, मिडी और बरमूडा आदि वस्त्र पहनकर मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकते है।

मंदिर के अन्दर इलेक्ट्रॉनिक आइटम जैसे मोबाइल फोन, कैमरा, तंबाकू, शराब और ज्वीलंतशील वस्तुओं का प्रवेश वर्जित है। वैसे तो आप बर्ष के किसी भी श्रीपुरम स्वर्ण मंदिर घूमने आ सकते है लेकिन यदि हम वेल्लोर तमिलनाडु घूमने जाने के लिए सबसे अच्छे समय की बात करें तो अक्टूबर से फरवरी के बीच की शरद ऋतु और सर्दियों के महीने वेल्लोर की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय होता है ।  इसके अलावा आपकी जानकारी के लिए यह भी बता दें मंदिर परिसर के पार्क में घूमने के लिए कोई चार्ज नहीं है लेकिन, दिव्य दर्शन के लिए 100 रुपया लग सकता है।

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