November 22, 2024 4:17 pm

स्वतंत्रता सेनानी खुदीराम बोस को नमन ने दी श्रद्धांजलि

सोशल संवाद/जमशेदपुर: खुदीराम बोस के शहादत दिवस पर सामाजिक संस्था नमन द्वारा संस्थापक अमरप्रीत सिंह काले के नेतृत्व में मातृशक्ति, युवा शक्ति एवं गणमान्यों की उपस्थिति में उन्हों अपनी भावपूर्ण श्रद्धा सुमन अर्पित की गई ।

एकबार विदाई दे माँ; घूरे आसी! हंसी हंसी पोरबो फांसी देखबे भारतबासी! का अमर गीत गुनगुना भावुक हो अमरप्रीत सिंह काले ने उन्हें अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित क115890-25890-2रते हुए कहा कि – आजादी की लड़ाई में कुछ नौजवानों का बलिदान इतना उद्वेलित करने वाला था कि उसने पूरे देश15890-2 में स्वतंत्रता संग्राम का रूख बदलकर रख दिया, इनमें एक नाम खुदीराम बोस का है, जिन्हें 11 अगस्त 1908 को फांसी दे दी गई। ‘आओ झुक कर सलाम करें उनको, जिनके हिस्से में ये मुकाम आता है, खुशनसीब होता है वो खून जो देश के काम आता है’। ये पंक्तियाँ अक्सर उन स्वतंत्रता सेनानियों के लिए गुनगुनायी जाती रही हैं जिन्होंने खुद को देश के लिए कुर्बान कर दिया। जंग-ए-आजादी की लड़ाई में कूदने वाले आजादी के मतवालों ने देश को अंग्रेजों की गुलामी की जंजीरों से मुक्त कराने में जो भूमिका निभाई है उसे भुलाया नहीं जा सकता।मातृभूमि को परतंत्रता की बेड़ी से मुक्ति दिलाने के लिए हंसते-हंसते अपने प्राण की बाजी लगाने वाले अमर शहीदों की कुर्बानियों के कारण ही हम आजादी की सांस ले रहे हैं। शहीदों के बलिदान को याद न रखने वाली कौम नष्ट हो जाती है। देश को अंग्रेजों की गुलामी से आजाद कराने के लिए खुदीराम बोस जैसे लाखों क्रांतिकारियों ने शहादत दी, अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया, हंसते हंसते मौत को गले लगा लिया। 

इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकार बृज भूषण सिंह ने कहा कि- राष्ट्र के प्रति अमर शहीद खुदीराम बोस का अमर प्रेम नई पीढ़ी और देशवासियों को हमेशा ही प्रेरणा देता रहेगा। देश को अंग्रेजों की दास्तां से मुक्ति दिलाने की खातिर अनेकों क्रांतिकारियों ने संघर्षपूर्ण प्रयत्न करते हुए हंसते-हंसते देश की खातिर अपने प्राण न्यौछावर कर दिए, हमें ऐसे क्रांतिकारियों और शहीदों का हमें सम्मान करना चाहिए। कम उम्र में ही खुद को राष्ट्र के लिए कुर्बान करने वाले अमर शहीद खुदीराम बोस को नमन।

इस मौके पर रामकेवल मिश्रा ने कहा कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में खुदीराम बोस का नाम अमिट है। देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहूति देने वाले अमर शहीद खुदीराम बोस में वतन के लिए मर मिटने का जज्बा कुछ ऐसा था जो भावी पीढ़ी को सदैव देशहित के लिए त्याग, सेवा और कुर्बानी की प्रेरणा देता रहेगा

इस मौके पर उपस्थित अन्य प्रबुद्धजनों ने अपने अपने विचार रख उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दी संचालन राजीव कुमार ने एवं धन्यवाद ज्ञापन रिया मित्रा ने किया l

इस मौके पर अमिताभ चटर्जी, बंटी सिंह, जितेन्द्र चावला, बाबू तिवारी, बिपिन झा, बी के शर्मा, अमरजीत सिंह, प्रमिला शर्मा, महेंद्र सिंह, सुखविंदर सिंह निक्कू, सतिंदर सिंह रोमी, कश्मीर सिंह, पंकज वर्मा, लाला जोशी, पप्पू राव, महेश मिश्रा, जूगुन पांडे, डी मनी, लख्खी कौर, कमलजीत कौर, ममता पुष्टि, कोमल कुमारी एवं अन्य ने शामिल होकर श्रद्धा सुमन अर्पित किया।

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