November 28, 2024 9:20 pm

मोदी जी ने देश की महिलाओं को आरक्षण के नाम पर ‘‘महिला बेबकूफ बनाओ’’ बिल का दिया जुमला- संजय सिंह

सोशल संवाद/दिल्ली(रिपोर्ट – सिद्धार्थ प्रकाश ) : महिला आरक्षण बिल का लाभ देश की महिलाओं को आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव में नहीं मिलने पर आम आदमी पार्टी ने प्रधानमंत्री मोदी की नीयत पर प्रश्न खड़ा किया है। ‘‘आप’’ के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि मोदी जी ने देश की महिलाओं को लोकसभा और विधानसभा में 33 फीसद आरक्षण देने के नाम पर ‘‘महिला बेबकूफ बनाओ’’ बिल का जुमला दिया है। पिछले 9 वर्षों में पीएम मोदी ने देश की जनता से जितने भी वादे किए, सब जुमले साबित हुए। महिला आरक्षण बिल कब लागू होगा या नहीं लागू होगा, इस पर बड़ा सवाल है। क्योंकि इसमें प्रावधान है कि पहले जनगणना होगी। इसके बाद परिसीमन होगा और उसके बाद ये बिल लागू हो सकेगा। उन्होंने कहा कि जनगणना 2031 में होगी। पिछली बार परिसीमन में 6-7 साल लगे थे। अगर इस बार भी परिसीमन में 6-7 साल लग गए तो ये बिल 2039 में कहीं लागू हो पाएगा। इसलिए आम आदमी पार्टी इस बिल का विरोध करती है। अगर प्रधानमंत्री वास्तव में महिलाओं को आरक्षण देना चाहते हैं तो यह बिल 2024 में ही लागू किया जाए।

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने बुधवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित कर महिला आरक्षण बिल पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि पिछले 9 वर्षों में भारत के प्रधानमंत्री ने देश की जनता से जितने भी वादे किए, सब जुमला और झूठा साबित हुए। चाहे दो करोड़ नौकरियों का वादा हो, काले धन का हो, 15 लाख देने का हो, फसल का दाम दोगुना करने का हो, पक्का मकान देने का हो या महंगाई कम करने का हो, सब जुमला साबित हुआ। अब चुनाव के ठीक पहले, इस देश की करोड़ों महिलाओं को जिस महिला आरक्षण बिल का इंतजार था, वह बिल न लागू करने की नीयत से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लेकर आए हैं।

राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि यह महिला आरक्षण बिल नहीं है, बल्कि महिला बेवकूफ बनाओ बिल है। यह जो बिल आ रहा है, यह बिल लागू होगा या नहीं होगा, यह अपने आप में एक बड़ा सवाल है। जो महिला आरक्षण बिल 2010 में राज्यसभा के अंदर पास हुआ था, उसमें कहीं ऐसा कोई प्रावधान नहीं था कि पहले जनगणना और परिसीमन होगा। उसमें सीधे यह था कि महिलाओं को 33ः आरक्षण मिलेगा। अगर उनकी नियत साफ होती तो राज्यसभा में पारित बिल लैप्स नहीं होता और उसी बिल को यह लोग लोकसभा में पास कर सकते थे। लेकिन इन्होंने जुमले के रूप में एक नया बिल तैयार किया और कहा कि पहले जनगणना होगी फिर परिसीमन होगा और उसके बाद बिल लागू किया जाएगा। इसके लिए कोई समय सीमा नहीं दी।

इस बिल का विरोध करते हुए संजय सिंह ने कहा कि महिलाओं के आरक्षण देने के नाम पर महिलाओं को बेवकूफ बनाने का बिल है। इसलिए आम आदमी पार्टी इस पर अपना विरोध दर्ज कर रही है। मोदी जी से मांग है कि अगर आपकी मंशा साफ है, अगर वास्तव में आप महिलाओं को आरक्षण देना चाहते हैं तो 2024 में महिला आरक्षण बिल लागू कीजिए। आपकी पार्टी का इतिहास है कि आपने हमेशा महिलाओं के विरोध में काम किया है। उन्नाव कांड हुआ तो आरोपी के साथ खड़े हुए। हाथरस कांड हुआ तो आरोपी के साथ खड़े हुए। पहलवानों का कांड हुआ, तब भी आरोपी के साथ खड़े हुए। भाजपा की मानसिकता हमेशा देश की महिलाओं के खिलाफ रही है। हमेशा महिलाओं के विरोध में, महिलाओं के साथ अत्याचार करने वालों के साथ खड़े रहे। यह महिला आरक्षण बिल भी इसी दिशा में एक काम है जो सिर्फ एक जुमला है।

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