सामान्य रूप से सांप के जहर रंग की चर्चा इसलिए नहीं होती क्योंकि ना तो यह दिखाई देता है और ना ही यह इसके रंग की उपयोगिता या किसी प्रक्रिया में दिखाई देता है.
सांप के बारे में यह ज्यादा अहम है कि वह कितना जहरीला है. दूसरा इसके जहर के असर पर ज्यादा ध्यान ज्यादा जबकि इसमें भी उसके रंग की अहमियत नहीं होती है.
सांप के काटने के बाद काटने के स्थान के आसपास की त्वचा नीले रंग की हो जाती है. किवदंतियों में भी सांप के जहर के प्रभाव नीला रंग देना माना जाता है.
ऐसे में एक धारणा पनप गई है कि सांप के जहर का रंग नीला होता है, जबकि हकीकत यह है कि सांप के काटने के त्वचा पर होने वाली प्रतिक्रिया के कारण उसका रंग नीला हो जाता है.