सोशल संवाद/डेस्क : अक्सर बॉडी लैंग्वेज यानी हमारी शारीरिक मुद्रा हमारे बारे में बहुत कुछ बयां कर देती है। कह जाता है कि हमारे हावभाव में हमारे शब्दों से ज्यादा ताकत होती है। कई बार बिना कुछ बोले ही सामने वाला व्यक्ति हमारे हावभाव देखकर हमारे बारे में बहुत कुछ समझ जाता है। ऐसे ही जब हमारी बॉडी लैंग्वेज की बात आती है तो हम बिना कुछ कहे बहुत कुछ कह जाते हैं।
जब हम किसी दूसरे व्यक्ति से मिलते है तो हम सिर्फ अपने कम्युनिकेशन पर ध्यान देते हैं। इस दौरान हम अपनी बॉडी लैंग्वेज या शारीरिक मुद्राओं के बारे में भूल जाते हैं। कई बार ऐसा होता है हम कहना कुछ चाहते हैं, जबकि हमारी बॉडी और हावभाव कुछ और ही कह जाते है। इससे सामने वाला व्यक्ति आसानी से समझ जाता है। सुनने में ये बात बहुत छोटी और सामान्य लग सकती है लेकिन इमोशंस में बहुत ताकत होती है। इसलिए अपने कम्युनिकेशन के साथ-साथ अपने हावभाव और शारीरिक मुद्राओं पर भी ध्यान दें।
हमारे हावभाव देखकर सामने वाले व्यक्ति बहुत अलग-अलग धारणाएं बनाने लगता है। खासकर तब जब हम कह कुछ और रहे होते हैं जबकि हमारी शारीरिक मुद्रा कुछ और ही बयां कर रही होती है। इसलिए कहते है कि किसी दूसरे व्यक्ति से बात करते समय हमारे हावभाव बहुत मायने रखते हैं। इनमें शब्दों से ज्यादा ताकत होती है। कई बार हमारे आसपास के लोग हमारी बॉडी लैंग्वेज देखकर ही हमारे बारे में बहुत कुछ समझ जाते हैं या ये कहना भी गलत नहीं होगा कि वो सबकुछ समझ जाते हैं जो हमारे भीतर चल रहा होता है। भले ही हमे इस बात का पता न लगे लेकिन हमारे हावभाव सबकुछ बता देते हैं। चलिए अब जान लेते हैं हर पॉज के बारे में किसका क्या मतलब है।