सोशल संवाद/जमशेदपुर : महागठबंधन की तरफ से चंपई सोरेन को सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुना गया है बावजूद राज्यपाल ने उन्हें सरकार बनाने के लिए आमंत्रित नहीं कर रहे हैं। उनकी नीयत ठीक नहीं है मोदी सरकार झारखंड में राष्ट्रपति शासन लागू करने की साजिश कर रही है यह संवैधानिक मर्यादा का खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन होगा। जाने माने अधिवक्ता एवं सामाजिक न्याय के चिंतक सुधीर कुमार पप्पू ने राज्यपाल की भूमिका पर उक्त बातें कही है।
उन्होंने कहा कि बिहार में नीतीश कुमार दोपहर को इस्तीफा दिया और शाम को शपथ ग्रहण हो गया परंतु झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार ने एनडीए में शामिल होने से इनकार कर दिया इसी कारण से मोदी सरकार और भाजपा हेमंत सोरेन को सबक सिखाने की साजिश कर रही है।
झारखंड के मामले में राष्ट्रपति द्रोपती मुर्मू और उच्चतम न्यायालय को स्वतः संज्ञान लेना चाहिए। मोदी सरकार संविधान की धज्जियां उड़ा रही है और संघीय ढांचा का मजाक उड़ा रही है। राष्ट्रपति और उच्चतम न्यायालय को चाहिए कि केंद्र सरकार को गैर कानूनी काम करने से रोके। अगर झारखंड में राष्ट्रपति शासन लागू होता है तो इसका परिणाम गलत होगा। इंडिया गठबंधन के सभी नेताओं को चाहिए कि झारखंड आकर आंदोलन की शुरुआत करें।