सोशल संवाद/ डेस्क : बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी लालू यादव और उनकी बेटी पर घोर आपत्तिजनक टिप्पणी करके फंस गये हैं. पढ़ा लिखा बहुत बड़ा तबका अगर आज की तारीख में राजनीति को एक घटिया चीज मानता है तो उसके लिए सम्राट चौधरी जैसे नेता बहुत हद तक जिम्मेदार हैं। आपको बता दे सम्राट चौधरी अपने बड़बोलेपन के कारण लगातार सुर्खियों में बने रहते हैं। उनके बयान को लेकर विपक्ष को तो छोड़िए, उनकी ही पार्टी के लोग विरोध का कोई मौका नहीं छोड़ते।
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आपको बता दे सम्राट चौधरी ने कहा कि टिकट बेचने में लालू यादव का कोई मुकाबला नहीं है। जिस बेटी ने लालू यादव को अपनी एक किडनी दे दी, उसी बेटी को लालू यादव ने टिकट बेच दिया। दरअसल सम्राट चौधरी अपने बाद बड़बोलेपन के लिए बदनाम रहे हैं। उनको समय-समय पर उनकी भद्द पिटाने वाली शब्दावली के लिए लताड़ा भी खूब गया है। लेकिन, कहते हैं ना कि नेचर और सिग्नेचर कभी नहीं बदलते। सम्राट चौधरी के साथ भी ऐसा ही है। बिहार प्रदेश भाजपा का अध्यक्ष बनने के ठीक बाद सम्राट चौधरी ने मुरेठा बांध लिया था। जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि यह मुरेठा क्यों बांधे हैं, तब उन्होंने कहा था कि जब तक नीतीश सरकार को हटा नहीं देते, तब तक यह मुरेठा नहीं उतरेगा।
आपको पता ही है कि लालू प्रसाद यादव की छोटी बेटी रोहिणी आचार्य ने अपनी किडनी देकर पिता की जान बचाई थी। इसकी प्रशंसा दुनिया भर के लोगों ने की थी। लेकिन, सम्राट चौधरी इससे भी ज्यादा शर्मनाक और आहत करने वाला बयान कई बार दे चुके हैं और हर बार उनकी जम कर फजीहत भी हुई है।
राजनीति के कई जानकार मानते हैं कि सम्राट चौधरी जैसे लोग जिस भी पार्टी में रहेंगे, उस पार्टी को आलोचना के लिए किसी अन्य की जरूरत कभी नहीं होगी। भारतीय जनता पार्टी की बिहार इकाई में सम्राट चौधरी को लेकर पहले से ही काफी असंतोष रहा है। कुर्मी-कुशवाहा वोटो के चक्कर में उनकी भारतीय जनता पार्टी में एंट्री तो हो गई पर अब यह बहुत दिनों तक शायद ही चले। पार्टी का एक बड़ा वर्ग, जो मूलतः भाजपा का ही कैडर है, वह सम्राट चौधरी को अब झेलने के लिए तैयार नहीं है। कहा तो यहां तक जा रहा है कि इन लोगों ने एक पत्र भाजपाध्यक्ष जेपी नड्डा को लिखा है और इस संबंध में जरूरी कार्यवाही का भी आग्रह किया है।