सोशल संवाद/डेस्क : देश के पहले डिजीटल भिखारी राजू की मौत हो गयी है। देर रात इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। गले में बैंक का क्यू आर कोड टांगकर बेतिया स्टेशन पर भीख मांगने वाले राजू को इसी वजह से देश दुनिया में पहचान मिली थी। वो लालू यादव को अपना पिता कहता था। राजू का क्रेज इसी बात से पता चलता था कि सप्तक्रांति ट्रेन से स्पेशल उसके लिए खाना आता था। बताया जा रहा कि बेतिया रेलवे स्टेशन पर भीख मांगने के दौरान अचानक तबीयत बिगड़ी थी। स्थानीय लोगों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया।
डॉक्टरों ने बताया कि राजू की मौत हार्ट अटैक से हुई है। वो बेतिया स्टेशन पर गले में क्यूआर कोड लटकाए घूमता था। पूछने पर एक बार उसने कहा था कि लोग कहते थे छुट्टे नहीं हैं, इसलिए उसने बैंक में खाता खुलवाया। अब राजू लोगों से छुट्टे पैसे नहीं लेता बल्कि फोन-पे पर QR CODE स्कैन कर भीख के पैसे भेजने को कहता है। लोग कहते हैं कि राजू 100 रुपये कम भीख नहीं लेता था। वो 30 साल से वह भीख मांग रहा था। लालू यादव को अपना पापा बोलता था। लालू यादव के ही आदेश से सप्त क्रांति सुपरफास्ट एक्सप्रेस की पैंट्री कार से रोज भोजन मिलता था। राजू ने भीख मांग कर उसने बैंक में खाता खोल कर रखा था, उसी में पैसा रखा है। किसी को एक रुपए भी नहीं देता था।खुद को लालू प्रसाद का बेटा कहने वाला राजू पश्चिम चंपारण में लालू के सभी कार्यक्रमों में जरूर पहुंचता था।