November 26, 2024 1:09 am

राहुल बोले- मिस इंडिया में एक भी दलित-आदिवासी नहीं:रिजिजू ने कहा- बाल बुद्धि ब्यूटी पेजेंट्स में भी आरक्षण चाहते हैं; सरकार उन्हें नहीं चुनती

सोशल संवाद /डेस्क : केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने मिस इंडिया कॉम्पिटिशन में दलित-आदिवासी महिलाओं की कमी वाले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के बयान की आलोचना की है। रिजिजू ने रविवार को कहा कि राहुल मिस इंडिया में भी आरक्षण चाहते हैं। ये सिर्फ बाल बुद्धि की दिक्कत नहीं है। जो लोग उनकी जय-जयकार करते हैं, वे भी उतने ही जिम्मेदार हैं।

दरअसल, नेता प्रतिपक्ष राहुल ने 24 अगस्त को प्रयागराज में कहा कि मैंने मिस इंडिया की लिस्ट चेक की। इसमें कोई दलित, आदिवासी या OBC कम्युनिटी की महिला नहीं थी। प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं कि देश सुपर पावर बन गया। कैसे सुपर पावर बन जाएगा? 90% लोग सिस्टम से बाहर बैठे हैं।

रिजिजू बोले- सरकार मिस इंडिया नहीं चुनती

राहुल के बयान पर रिजिजू ने कहा- बाल बुद्धि मनोरंजन के लिए अच्छी हो सकती है, लेकिन राहुल अपनी विभाजनकारी बातों से हमारे पिछड़े समुदायों का मजाक न उड़ाएं। सरकार मिस इंडिया को सिलेक्ट नहीं करती। सरकार ओलिंपिक के लिए एथलीट्स और फिल्मों के एक्टर्स को नहीं चुनती है।

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा- PM मोदी जी ने भी स्पष्ट कर दिया है कि केंद्र सुप्रीम कोर्ट को IAS, IPS, IFS समेत सभी शीर्ष सेवाओं की भर्ती में आरक्षण में बदलाव करने की इजाजत नहीं देगी।

रिजिजू ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओबीसी से हैं। रिकॉर्ड संख्या में कैबिनेट मंत्री हैं, जो अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति से हैं। राहुल को ये सब नहीं दिखता।

राहुल ने जाति जनगणना का मुद्दा उठाया

राहुल शनिवार (24 अगस्त) को प्रयागराज में ‘संविधान का सम्मान और उसकी रक्षा’ कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इसमें उन्होंने​​​​​​ जाति जनगणना का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा- मैं कह रहा हूं कि जाति जनगणना करना है, मीडिया वाले कहते हैं नहीं करना है। मुझे बस डेटा चाहिए।

कांग्रेस नेता ने कहा- जाति जनगणना संविधान को मजबूत करने का काम है। इसको 10% ने नहीं बनाया। इसको 100% ने बनाया है। इसकी रक्षा आप लोग करते हो। अडाणी जी नहीं करते है। इकॉनोमी सोशल सर्वे कराना चाहता हूं, वो इसकी रक्षा है।

राहुल ने कहा- देश के कितने संस्थानों में दलितों-आदिवासियों की भागीदारी है। अगर उद्योगपतियों की लिस्ट निकालूं तो एक भी बड़े उद्योगपति 90% वाले लोगों में नहीं हैं। सिर्फ उद्योग में ही नहीं, कॉर्पोरेट, ​​​मीडिया, बैंकिंग सिस्टम में भी दलित नहीं है।

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