सोशल संवाद /डेस्क : श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर उत्तर प्रदेश के मथुरा से लेकर गुजरात के द्वारका तक मंदिरों में विशेष पूजा की जा रही है। भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के कार्यक्रम मंगला आरती से शुरू हो चुके हैं।
भगवान कृष्ण, द्वापर युग में भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष में अष्टमी की रात प्रकट हुए थे। इस साल द्वापर युग की तरह ही नक्षत्रों का योग बन रहा है। श्रीकृष्ण रात में अवतरित हुए, इस वजह से जन्माष्टमी रात में मनाने की परंपरा है।
श्रीकृष्ण के लीला स्थान मथुरा-वृंदावन समेत देशभर के प्रमुख कृष्ण मंदिरों में जन्माष्टमी धूमधाम से मनाई जा रही है। मथुरा में जन्मभूमि मंदिर का गर्भगृह कारागार की तरह सजाया गया है। यहां जन्म के बाद रात 12 बजे भगवान का पंचामृत अभिषेक होगा।
वहीं, गुजरात के द्वारकाधीश मंदिर के पट शाम 5 बजे तक के लिए बंद कर दिए गए हैं। ये शाम 5 बजे दोबारा खोले जाएंगे। जन्माष्टमी पर श्रद्धालु द्वारकाधीश के दर्शन रात 2.30 बजे तक कर सकेंगे।
मध्यप्रदेश : धार में 9 लाख के नोटों से खाटू श्याम का श्रृंगार
मध्यप्रदेश के धार जिले के मां रेवा कुबेर शनि धाम में खाटू श्याम का 9 लाख रुपए के नोटों से श्रृंगार किया गया। पंडित आशीष बिल्लौरे ने बताया कि यहां जन्माष्टमी पर्व पर गरबा और मटकी फोड़ प्रतियोगिता का आयोजन कर रात 12 बजे जन्मोत्सव मनाया जाएगा। महा आरती के बाद प्रसादी वितरित की जाएगी।
जस्थान और मध्यप्रदेश में बनेगा श्रीकृष्ण गमन पथ
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने श्रीकृष्ण गमन पथ बनाने की घोषणा की है। भगवान कृष्ण की जन्म स्थली से लेकर उनके शिक्षा ग्रहण करने के स्थान को एक धार्मिक सर्किट के जरिए जोड़ा जाएगा। यह काम राजस्थान और मप्र सरकार मिलकर करेगी।
मध्यप्रदेश के उज्जैन के सांदिपनी में भगवान कृष्ण ने शिक्षा हासिल की है। जानापाव (एमपी) में भगवान परशुराम ने उन्हें सुदर्शन चक्र दिया। धार के पास अमझेरा में भगवान का रुक्मिणी हरण को लेकर युद्ध हुआ। ऐसे स्थलों को सरकार पर्यटन स्थल बनाने जा रही है। माना जा रहा है कि श्रीकृष्ण गमन पथ में राजस्थान के भरतपुर जिले का कुछ हिस्सा भी शामिल होगा