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राहुल बोले- अगर प्रधानमंत्री मोदी ने संविधान पढ़ा होता तो वह नफरत और हिंसा नहीं फैलाते

By Tamishree Mukherjee

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अगर प्रधानमंत्री मोदी ने संविधान पढ़ा होता तो

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सोशल संवाद / नई दिल्ली : लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश का संविधान पढ़ा होता तो वह नफरत व हिंसा नहीं फैलाते और लोगों को एक दूसरे से नहीं लड़ाते।

झारखंड के मेहरमा में आयोजित जनसभा में उमड़ी भारी भीड़ के बीच राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस और इंडिया गठबंधन संविधान को बचाने का काम कर रहे हैं। वहीं भाजपा-आरएसएस अंबेडकर जी के संविधान को खत्म करने का प्रयास कर रहे हैं। नरेंद्र मोदी कहते हैं कि राहुल गांधी लाल किताब दिखा रहा है। उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि मोदी जी इस किताब का रंग महत्वपूर्ण नहीं है, इसमें जो लिखा है, वो जरूरी है। अगर प्रधानमंत्री मोदी ने इसे पढ़ा होता, तो वह लोगों में नफरत-हिंसा नहीं फैलाते, सबको एक दूसरे से नहीं लड़ाते।

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वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने भाजपा-आरएसएस पर बंद दरवाजों के पीछे संविधान पर हमला करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि देश के संविधान में हिंदुस्तान की आत्मा, देश का इतिहास, दलितों का सम्मान, पिछड़ों की भागीदारी है और किसानों-मजदूरों के सपने हैं। फिर भी भाजपा-आरएसएस इसे मिटाना चाहते हैं, लेकिन दुनिया की कोई ताकत इसे मिटा नहीं सकती। उन्होंने कहा, पहले राजा-महाराजा अपनी मर्जी से शासन करते थे। जनता को जो भी अधिकार मिले हैं, वह संविधान की वजह से मिले हैं। 

राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बड़े अरबपतियों के हाथों में खेलने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी अरबपतियों की कठपुतली हैं। जो अरबपति कहते हैं, नरेंद्र मोदी वही करते हैं। मोदी ने गरीबों का पैसा छीनकर, अरबपतियों का 16 लाख करोड़ रुपया माफ किया है। महाराष्ट्र में धारावी की एक लाख करोड़ रुपये की जमीन भी अडानी को सौंपी जा रही है। सच्चाई ये है कि महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी की सरकार को जमीन हथियाने के लिए ही गिराया गया था। 

वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने जनता से इंडिया गठबंधन के उम्मीदवारों को भारी मतों से जिताने की अपील करते हुए देश में जाति जनगणना करवाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और कहा कि यह क्रांतिकारी कदम है और इससे देश में व्याप्त भेदभाव का समाधान होगा। उन्होंने बताया कि देश में करीब 15 प्रतिशत दलित, करीब 50 प्रतिशत ओबीसी, आठ प्रतिशत आदिवासी और 15 प्रतिशत अल्पसंख्यक हैं। कुल मिलाकर यह आबादी 90 प्रतिशत है। लेकिन, सरकार और संस्थाओं में इस 90 प्रतिशत आबादी की हिस्सेदारी न के बराबर है। उन्होंने कहा कि यह जाति जनगणना इसे बदल देगी और देश में एक अलग तरह की राजनीति का युग शुरू करेगी। उन्होंने आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा को हटाने के अपने वादे को भी दोहराया। 

राहुल गांधी ने याद दिलाया कि झारखंड में भाजपा ने पिछड़े वर्ग का आरक्षण 27 प्रतिशत से घटाकर 14 प्रतिशत कर दिया था। एक तरफ नरेंद्र मोदी भाषण देते हैं कि वह पिछड़े वर्ग से हैं। वहीं दूसरी तरफ वह पिछड़े वर्ग का आरक्षण कम कर देते हैं, जमीन छीन लेते हैं, नोटबंदी कर बेरोजगार बना देते हैं। इसलिए झारखंड में इंडिया गठबंधन ने निर्णय लिया है कि एसटी का आरक्षण 28 प्रतिशत, एससी का आरक्षण 12 प्रतिशत और ओबीसी का आरक्षण 27 प्रतिशत किया जाएगा। 

झारखंड के लिए इंडिया गठबंधन के अन्य वादे गिनाते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने देश के चंद अरबपतियों का 16 लाख करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया, जबकि कांग्रेस आम लोगों में पैसा बांटेगी। उन्होंने कहा कि महिलाओं को हर महीने 2500 रुपये दिए जाएंगे। गैस सिलेंडर 450 रुपये में मिलेगा। प्रत्येक गरीब व्यक्ति को सात किलो राशन हर महीने मिलेगा। किसानों के लिए धान का एमएसपी 2400 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 3,200 रुपये प्रति क्विंटल किया जाएगा। हर परिवार को 15 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा कवर दिया जाएगा। अगले पांच सालों में राज्य में दस लाख युवाओं को रोजगार दिया जाएगा। सभी जिला मुख्यालयों में 500 एकड़ का एक औद्योगिक पार्क खोला जाएगा।

इस दौरान  कांग्रेस के झारखंड प्रभारी गुलाम अहमद मीर, प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो समेत अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।

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