सोशल संवाद / नई दिल्ली ( रिपोर्ट – सिद्धार्थ प्रकाश ) : दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने आज एक पत्रकार वार्ता में कहा की शीशमहल बंगले का रहस्य दिन पर दिन और गहराता जा रहा है। पत्रकार वार्ता का संचालन मीडिया प्रमुख प्रवीण शंकर कपूर ने किया और कहा की दिल्ली वाले अब अरविंद केजरीवाल की सरकार एवं पार्टी के भ्रष्ट एवं आराजक चरित्र को भलीभांति समझ चुके हैं और आतिशी मार्लेना की डममी सरकार अब अपनी अंतिम सांसों पर है। कार्यालय मंत्री बृजेश राय एवं अमित गुप्ता भी उपस्थित थे।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा की शीशमहल बंगला केजरीवाल सरकार के पाप के घड़े की तरह है जो अब भर चुका है और आज बंगले के समान की सूची सामने आई है उसने अरविंद केजरीवाल के लिए नये सवाल खड़े कर दिये हैं।
वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा है की मुख्य मंत्री बंगले की देखरेख के लिए नियुक्त लोकनिर्माण विभाग के एक अधिकारी द्वारा अपने विभाग के वरिष्ठ अधिकारी को लिखे पत्र से सामने आया है की 2022 में लोकनिर्माण विभाग द्वारा पुनर्निर्माण के बाद शीशमहल बंगले की सजावट एवं दैनिक उपयोग के लिए कुछ थोड़ा सा सामान दिया था पर जब मुख्य मंत्री केजरीवाल ने इस्तीफा देकर अंततः बंगला खाली किया और लोकनिर्माण विभाग अधिकारियों ने पुनः इन्वेंट्री बनानी चाही तो वहां लगे आलीशान समान को देख कर दंग कर गये।
2022 मेः विभाग ने जो आवंटन लिस्ट बनाई वह मात्र एक पेज की थी पर अब जब इन्वेंट्री लिस्ट बन कर सामने आई तो वह 8 पेज की है। लोकनिर्माण विभाग अधिकारी ने अपने पत्र में साफ किया है की अप्रैल 2002 के बाद विभाग ने कोई और सम्मान शीशमहल में नही दिया। इस खुलासे के बाद दिल्ली वाले सोच कर स्तब्ध हैं की जब विभाग ने सजावट एवं अन्य सामान जैसे गोल्ड पलेटिड टायलेट एवं वाश बेसिन कहां से आये। लोग जानना चाहते हैं की यह जिसमें 50 लाख से अधिक के कालीन एवं लाखों झूमर शामिल हैं वह कहां से आये।
वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा है की हम जब भी शीशमहल पर सवाल पूछते हैं तो ना केजरीवाल जवाब देते हैं ना कोई और “आप” नेता बोलता है अब हम कल 21 नवम्बर को सुबह अरविंद केजरीवाल के फिरोजशाह रोड़ के अंधिकृत रूप से कब्जाये घर का घेराव कर पूछेंगे — केजरीवाल जवाब दो इतना धन कैसे आया, शीशमहल को कैसे सजाया। केजरीवाल को जवाब देना होगा यह शीशमहल शराब घोटाले के पैसे से सजा या फिर स्कूल एवं अस्पताल निर्माण के घोटाले से या फिर यह पंजाब से की लूट का पैसा।