सोशल संवाद / जमशेदपुर : शहर के बड़े अस्पतालों में चल रहा पैरवी का खेल, तड़प रहे मरीज पर कोई सुनने वाला नहीं। आम जनता के लिए कोई सरकारी लाभ नहीं। उन्होंने कहा – विगत कुछ दिनों पहले मैं रांची रिम्स अस्पताल में था, बागूनहातु निवासी मुकेश वर्मा जो कुछ दिनों से पीड़ित थे वो प्राइवेट क्लीनिक, “गैस्ट्रो क्लीनिक आदित्यपुर” में डॉक्टर कुंदन कुमार की देख रेख में थे, मरीज की स्थिति ख़राब होते ही उनलोगों ने हाथ खड़ा कर दिया। रिम्स रेफर के बाद मरीज की हालत और बिगड़ी जब blood test के लिए डॉक्टर ने URGENT लिखा पर लेब वालों ने सीधे 2 दिन इंतजार करने को कहा।
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अगर जांच के लिए 2 दिन रुकना पड़े तो मरीज के बचने की संभावना कितनी है ?उनलोगों के इस व्यवस्था के कारण आज मुकेश वर्मा नहीं रहे। रिम्स में अगर आपको इलाज करवाना है तो जूनियर डॉक्टर्स के भरोसे जाना होगा क्योंकि सीनियर डॉक्टर्स अपने केबिन से नहीं आने वाले !