January 13, 2025 5:14 pm

13 ओर 14 जनवरी को होगा दोमुहानी संगम महोत्सव का भव्य आयोजन

13 ओर 14 जनवरी को होगा दोमुहानी संगम महोत्सव का भव्य आयोजन

सोशल संवाद / जमशेदपुर : दोमुहानी संगम महोत्सव 2025 को लेकर एक पत्रकार वार्ता का आयोजन दोमुहानी घाट सोनारी में सम्पन्न हुआ जिसमे मुख्य रूप से हिन्दू उत्सव समिति के संरक्षक शिवशंकर सिंह,शंकर रेड्डी ,हिन्दू उत्सव समित के अध्यक्ष रवि प्रकाश सिंह,प्रवक्ता सुखदेव सिंह ,अभिमन्यु प्रताप,वॉइस ऑफ हुमीनटी के हरि सिंह राजपूत,अरविंदर कौर, शशि जी,दुर्गा देवी,शन्तोषी साहू,इंद्रजीत सिंह सहित अन्य उपस्थित थे । उपरोक्त सभी ने संयुक्त रूप से कहा कि आगामी 13-14 जनवरी को दोमुहानी घाट पर भव्य आयोजन होने जा रहा है। कार्यक्रम का उद्घाटन 13 जनवरी को होगा जिसमे नदी और पर्यावरण पर गोष्ठी होगा । उपास्थित लोगो को नदी स्वक्षता ओर पर्यावरण संरक्षण पर जागरूक करेंगे।

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कार्यक्रम में पर्यावरण पर एक विशेष सत्र में उपस्थित अतिथि अपना अनुभव साझा करेंगे। पर्यावरण पर चर्चा के पश्चात स्कूल के बच्चे सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे तत्पश्चात शहर के जाने माने लोक गायक सोनू सिंह दुलरुवा अपनी प्रस्तुति देंगे। सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ ही समाज व धर्म क्षेत्र में कार्य करने वाले शहर के सभी संस्था प्रमुखों को सम्मानित भी किया जाएगा।

कार्यक्रम के दूसरे दिन 14 जनवरी को भव्य गंगा आरती का आयोजन होगा कार्यक्रम का शुरुआत नदी पूजन एवं अभिषेक के साथ होगी। कार्यक्रम में मुख्य उपस्थिति एवं मार्गदर्शक के रूप में बनारस उ.प्र वाले प्रख्यात सन्त तपोमूर्ति त्रिदंडीस्वामी जी महाराज जी का सानिध्य मिलने वाला है।

आरती से पूर्व एक नृत्य ग्रुप की प्रस्तुति होगी। इस नृत्य कि विशेष आकर्षण गंगा जी का धरती पर अवतरण का नृत्य रूपांतरण होगा। नृत्य के पश्चात गंगा स्वरूपा मां स्वर्णरेखा की भव्य आरती होगी। आरती स्थल 5100 दियों से जगमगाएगा।

भव्य गंगा आरती के दिन आयोजन समिति द्वारा नदी तट पर दीपोत्सव का भी कार्यक्रम है जिसमे कार्यकर्ताओं द्वारा 51000 दीपो से नदी तट को सजाया जाएगा जिससे नदी को छटां देखते ही बनेगी ।

कार्यक्रम में लगभग एक लाख लोगो के उपस्थित होने की संभावना है। इस बार के कार्यक्रम में संभावना है कि शहर व आसपास से लगभग एक लाख श्रद्धालु इस कार्यक्रम में उपस्थित रहने वाले है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देध्य नदी और पर्यावरण को धर्म और आस्था के साथ जोड़कर उसे संरक्षित व संवर्धन करना है।  

साथ ही ऐसा परिवार या ऐसे बुजुर्ग जो अपनी शारिरिक कष्ट व आर्थिक कष्ट ले कारण बनारस व हरिद्वार जाकर इस दिव्य गंगा आरती को नही देख पाते ऐसे व्यक्तियों को हम उनके शहर में ही एक दिन के लिए काशी बनारस व हरिद्वार का नजारा दिखाने का कार्य करते हैं।

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