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दिल्ली विधानसभा में हेल्थ डिपार्टमेंट पर CAG रिपोर्ट पेश:मोहल्ला क्लीनिक में टॉयलेट नहीं; स्टाफ की कमी, बड़े ऑपरेशन के लिए लंबा इंतजार

By Tamishree Mukherjee

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दिल्ली विधानसभा में हेल्थ डिपार्टमेंट पर CAG रिपोर्ट पेश

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सोशल संवाद/डेस्क : दिल्ली CM रेखा गुप्ता ने विधानसभा में हेल्थ डिपार्टमेंट से जुड़ी CAG रिपोर्ट रखी। 7 पन्नों की रिपोर्ट में बताया गया कि दिल्ली में हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी है। दिल्ली विधानसभा में हेल्थ डिपार्टमेंट पर CAG रिपोर्ट पेश:मोहल्ला क्लीनिक में टॉयलेट नहीं; स्टाफ की कमी, बड़े ऑपरेशन के लिए लंबा इंतजार

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CM रेखा गुप्ता ने हेल्थ डिपार्टमेंट से जुड़ी CAG रिपोर्ट विधानसभा में रखी।

दिल्ली CM रेखा गुप्ता ने विधानसभा में हेल्थ डिपार्टमेंट से जुड़ी CAG रिपोर्ट रखी। 7 पन्नों की रिपोर्ट में बताया गया कि दिल्ली में हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी है।

नर्स और डॉक्टर्स की संख्या पर्याप्त नहीं है। महिलाओं के स्वास्थ्य प्रोग्राम में फंडिंग की कमी है। एंबुलेंस में जरूरी उपकरण नहीं हैं। ICUs की कमी है। रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली की कम से कम 21 मोहल्ला क्लीनिक में टॉयलेट नहीं है। अस्पतालों में स्टाफ की कमी है। बड़े ऑपरेशन के लिए मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ता है। इसके अलावा कोविड-19 के दौरान केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार को जो रकम दी थी, उसका इस्तेमाल ही नहीं किया गया। इस रिपोर्ट पर सोमवार को सदन में चर्चा होगी। इस बीच विधानसभा से सस्पेंड AAP विधायकों ने राष्ट्रपति से मिलने के लिए समय मांगा है।

जिस समय विधानसभा में CAG रिपोर्ट पेश हो रही थी, उस वक्त सदन में एंट्री नहीं मिलने के विरोध में AAP विधायकों ने विरोध प्रदर्शन किया।

हेल्थ पर CAG रिपोर्ट के 10 पॉइंट…

1. AAP सरकार कोविड के दौरान केंद्र सरकार की तरफ से दिए गए 787.91 करोड़ रुपए में से सिर्फ 582.84 करोड़ रुपए का इस्तेमाल कर पाई।

2. PPE किट, मास्क और दवाओं के लिए जारी 119.85 करोड़ रुपए में से 83.14 करोड़ रुपए का इस्तेमाल नहीं हुआ।

3. मोहल्ला क्लीनिकों में जरूरत की बुनियादी चीजें नहीं थीं। 21 क्लीनिकों में टॉयलेट, 15 क्लीनिकों में बिजली और 6 क्लीनिकों में टेबल तक नहीं थे। जनवरी, 2025 तक दिल्ली के 70 विधानसभा क्षेत्रों में 546 मोहल्ला क्लीनिक थे।

4. आयुष डिस्पेंसरी का भी यही हाल था। 49 डिस्पेंसरी में से 17 में बिजली, 7 में टॉयलेट और 14 में पीने के पानी की सुविधा नहीं थी।

5. अस्पतालों में बिस्तरों की कमी के बावजूद सिर्फ 1357 बेड बढ़ाए गए। जबकि सरकार ने 2016-17 से 2020-2021 तक के बजट में कुल 32 हजार बेड बढ़ाने का वादा किया था।

6. AAP सरकार के दौरान सिर्फ तीन नए अस्पताल बने। इसमें तीसरे अस्पताल की लागत टेंडर की लागत से बहुत ज्यादा थी।

7. राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में 6 मॉड्यूलर/सेमी-मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर (OT), स्टोन सेंटर, ट्रांसप्लांट ICU और वार्ड, किचन, 77 प्राइवेट कमरे, 16 ICU बेड, 154 सामान्य बेड और रेजिडेंट डॉक्टर्स हॉस्टल चालू हालत में नहीं थे।

8. जनकपुरी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में 7 मॉड्यूलर OT, किचन, ब्लड बैंक, इमरजेंसी, मेडिकल गैस पाइपलाइन, 10 CCU बेड और 200 जनरल बेड चालू नहीं थे। बेड ऑक्यूपेंसी 20 से 40% थी।

9. लोक नायक अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में 24 घंटे इमरजेंसी सर्विस के लिए स्पेशलाइज डॉक्टरों की कोई परमानेंट व्यवस्था नहीं थी।

10. 27 अस्पतालों में से 14 में ICU, 16 में ब्लड बैंक, 8 में ऑक्सीजन, 15 में मॉर्च्युरी और 12 अस्पतालों में एम्बुलेंस नहीं थी।

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