सोशल संवाद/डेस्क : उत्तर प्रदेश के सीतापुर में पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई हत्याकांड के दो शूटरों को STF ने एनकाउंटर में मार गिराया है। SP अंकुर अग्रवाल ने बताया- STF और पुलिस को शूटरों के मूवमेंट की सूचना मिली। गुरुवार तड़के पिसावा इलाके में टीम चेकिंग कर रही थी।

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इसी दौरान दोनों शूटर बाइक से आए। टीम ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन शूटरों ने फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में दोनों को गोली लग गई। उन्हें तुरंत जिला अस्पताल ले जाया गया। वहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
बदमाशों की पहचान मिश्रिख थाने के अटवा गांव निवासी राजू तिवारी उर्फ रिजवान खान और संजय तिवारी उर्फ अकील खान के रूप में हुई। दोनों सगे भाई थे। इनकी मां मुस्लिम, जबकि पिता हिंदू है। पुलिस रिकॉर्ड में भी बदमाशों के नाम में तिवारी और खान दोनों सरनेम लिखा हुआ है।
दोनों शूटर पर एक-एक लाख का इनाम था। पुलिस सूत्रों का कहना है कि इनके पास दो आधार कार्ड थे। दोनों अलग-अलग यानी एक हिंदू और दूसरा मुस्लिम नाम से था।
एनकाउंटर पर पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई की पत्नी रश्मि ने कहा-
हम इस एनकाउंटर से बिल्कुल संतुष्ट नहीं हैं। पुलिस ने आज जो वाहवाही लूटी है, वह हमारे दर्द और न्याय की मांग को दबाने जैसा है। शुरू से लेकर अंत तक सिर्फ खानापूर्ति की गई। हमें अब तक न्याय नहीं मिला।
पुजारी ने दी थी शूटर भाइयों को 4 लाख की सुपारी
इसी साल, 8 मार्च को दोनों भाइयों ने हाईवे पर पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई की बाइक रोककर उसे गोलियों से छलनी कर दिया था। यह हत्या पूरे प्रदेश में सुर्खियों में आ गई थी। हत्या की साजिश कारेदेव बाबा मंदिर के पुजारी शिवानंद बाबा उर्फ विकास राठौर ने रची थी।
राघवेंद्र ने पुजारी को मंदिर परिसर में किसी के साथ आपत्तिजनक हालत में देख लिया था। पुजारी को डर था कि राघवेंद्र यह बात बाहर न बता दे, इसलिए दोनों शूटरों को 4 लाख रुपए की सुपारी देकर पत्रकार की हत्या करवा दी थी। पुलिस इस केस में अब तक मुख्य साजिशकर्ता पुजारी शिवानंद बाबा समेत तीन आरोपियों को जेल भेज चुकी है।
राजू और संजय के खिलाफ हत्या, लूट और डकैती जैसे गंभीर अपराधों में 24 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। राजू ने 2006 में लखीमपुर में दरोगा परवेज अली की हत्या की थी, जबकि संजय ने 2011 में सीतापुर में देवी सहाय शुक्ल की गोली मारकर हत्या कर दी थी।








