सोशल संवाद/डेस्क : हर साल 29 अगस्त को पूरे देश में राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाता है। यह दिन भारत के महान हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद की जयंती के उपलक्ष्य में समर्पित है, जिनका योगदान भारतीय खेल इतिहास में अमिट है। इस वर्ष, 29 अगस्त 2025 को उनकी 120वीं जयंती पर देशभर में विविध आयोजनों के माध्यम से उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।

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राष्ट्रीय खेल दिवस को पहली बार 2012 में राष्ट्रीय उत्सवों की सूची में जोड़ा गया था। इसका उद्देश्य केवल एक खिलाड़ी को सम्मान देना ही नहीं, बल्कि देश में खेलों के प्रति जागरूकता बढ़ाना और युवाओं को खेल की ओर प्रेरित करना भी है। इस दिन को देशभर में खेल प्रतियोगिताओं, योग सत्रों, पोस्टर प्रदर्शनी, सेमिनार और रन फॉर फिटनेस जैसे आयोजनों के ज़रिए मनाया जाता है।
प्रधानमंत्री ने दी श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर मेजर ध्यानचंद को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए लिखा,
“राष्ट्रीय खेल दिवस की बधाई। इस विशेष दिन मेजर ध्यानचंद जी को श्रद्धांजलि, जो पीढ़ियों को प्रेरित करते आए हैं।”
उन्होंने दोहराया कि भारत सरकार का लक्ष्य देश को खेलों में वैश्विक उत्कृष्टता का केंद्र बनाना है। उन्होंने कहा कि सरकार खिलाड़ियों को आधुनिक प्रशिक्षण, मजबूत संस्थागत सहयोग और बेहतरीन स्टेडियम सुविधाएं प्रदान करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
खेलो इंडिया मूवमेंट की याद
इस दिन की एक और खास बात यह है कि 2018 में इसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ‘खेलो इंडिया’ अभियान की शुरुआत की गई थी, जिसका उद्देश्य जमीनी स्तर पर खेल प्रतिभाओं की खोज और उन्हें विकसित करना है। इसके तहत स्कूल और कॉलेज स्तर पर प्रतिभाओं को पहचान कर उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुँचाने की तैयारी की जाती है।
मेजर ध्यानचंद का योगदान
मेजर ध्यानचंद, जिनका जन्म 29 अगस्त 1905 को इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में हुआ था, हॉकी के ऐसे खिलाड़ी थे, जिनकी प्रतिभा का लोहा पूरी दुनिया ने माना। उन्हें ‘हॉकी का जादूगर’ कहा जाता है। उन्होंने भारत को तीन ओलंपिक स्वर्ण पदक (1928, 1932, 1936) दिलवाए और हॉकी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की पहचान बनाया। आज भी उनकी खेल शैली और अनुशासन को युवा खिलाड़ियों के लिए आदर्श माना जाता है।
भारत का बदलता खेल परिदृश्य
भारत ने पिछले कुछ वर्षों में खेल के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। न केवल पारंपरिक खेलों में बल्कि बैडमिंटन, मुक्केबाज़ी, शूटिंग, एथलेटिक्स और टेबल टेनिस जैसे खेलों में भी भारतीय खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर परचम लहराया है। इस बदलाव में सरकारी योजनाओं और खिलाड़ियों को मिल रहे संसाधनों का बड़ा योगदान है।
राष्ट्रीय खेल दिवस केवल एक तारीख नहीं, बल्कि खेलों के महत्व, खिलाड़ियों की मेहनत और देश की खेल संस्कृति को सम्मान देने का दिन है। मेजर ध्यानचंद जैसे दिग्गजों की विरासत को याद करते हुए देश आज एक ऐसे भविष्य की ओर बढ़ रहा है, जहां खेल न केवल करियर विकल्प होगा, बल्कि एक राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया का अहम हिस्सा भी बनेगा।
यह दिन युवाओं को यह प्रेरणा देता है कि अनुशासन, मेहनत और खेल भावना से न केवल व्यक्तिगत सफलता पाई जा सकती है, बल्कि देश का नाम भी रोशन किया जा सकता है।








