सोशल संवाद/डेस्क/Enteromics Cancer Vaccine: रूस ने कैंसर के खिलाफ जंग में एक बड़ा दावा किया है। शोधकर्ताओं का कहना है कि उन्होंने एक ऐसी वैक्सीन तैयार की है जिसने शुरुआती ट्रायल में 100 प्रतिशत प्रभावकारिता दिखाई है। वैक्सीन का नाम ‘एंटरोमिक्स’ रखा गया है और इसे फिलहाल कोलोरेक्टल कैंसर पर टेस्ट किया गया।

यह भी पढ़ें: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में क्रिकेट मैच के दौरान बम धमाका, दहशत में लोग
रिपोर्ट्स के मुताबिक, फेज-1 ओपन ट्रायल में 48 मरीज शामिल किए गए। वैक्सीन से किसी गंभीर साइड इफेक्ट की जानकारी सामने नहीं आई और इसकी टॉक्सिसिटी बेहद कम बताई गई। रूस की Federal Medical and Biological Agency (FMBA) ने दावा किया है कि प्रीक्लिनिकल ट्रायल्स में वैक्सीन ने ट्यूमर का आकार 60 से 80 प्रतिशत तक घटा दिया।
मीडिया रिपोर्टों में वैक्सीन को mRNA आधारित बताया गया, लेकिन आधिकारिक संस्थान का कहना है कि ‘एंटरोमिक्स’ दरअसल एक ऑनकोलिटिक वैक्सीन है। इसमें चार नॉन-पैथोजेनिक वायरस का संयोजन है, जो कैंसर कोशिकाओं को सीधे नुकसान पहुँचाते हैं और शरीर की इम्यून सिस्टम को एक्टिवेट करते हैं। रूस mRNA वैक्सीन पर भी रिसर्च कर रहा है, लेकिन वह एक अलग प्रोजेक्ट है।
विशेषज्ञों का कहना है कि 100% प्रभावकारिता का मतलब यह नहीं है कि हर मरीज पूरी तरह से ठीक हो जाएगा। शुरुआती ट्रायल्स का उद्देश्य केवल सुरक्षा और शुरुआती असर को देखना होता है। असली परिणाम तब सामने आएंगे जब बड़े स्तर पर फेज-2 और फेज-3 ट्रायल्स पूरे होंगे और अलग-अलग प्रकार के मरीजों पर इसके असर का परीक्षण किया जाएगा।
फिलहाल रूस इस वैक्सीन को कोलोरेक्टल कैंसर के इलाज में लागू करने की तैयारी कर रहा है। साथ ही इसे मेलानोमा और ब्रेन ट्यूमर जैसे आक्रामक कैंसर के मामलों में भी परखने की योजना है।
दुनियाभर में यह खबर उम्मीद जगा रही है, लेकिन विशेषज्ञ लगातार आगाह कर रहे हैं कि अभी इसे “कैंसर का पक्का इलाज” कहना जल्दबाजी होगी। जब तक विस्तृत डेटा, पीयर-रिव्यूड स्टडी और रेगुलेटरी मंजूरी नहीं मिलती, तब तक इसे केवल एक संभावित बड़ी खोज के रूप में ही देखा जाना चाहिए।








