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10 साल की जद्दोजहद के बाद बनी बैठक 10 मिनट में खत्म, ट्रांसजेंडर समुदाय में आक्रोश

By Riya Kumari

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The meeting held after 10 years of struggle ended in 10 minutes, anger in the transgender community

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सोशल संवाद / जमशेदपुर  : ट्रांसजेंडर समुदाय का यह कहना हुआ की झारखंड के अधिकारी इतने सही समय के हो गए हैं कि 11:00 बजे आ गए और 11:10 में मीटिंग खत्म हो गई मीटिंग में किसी तरह का एजेंडा पर काम नहीं हुआ और ना ही मीटिंग मिनट्स बना इस पर किन्नर समुदाय काफी नाराज हुए क्योंकि 10 मिनट की देरी  में उनके 10 साल की मेहनत को  विफल कर दिया नालसा जजमेंट 2014 को आई थी

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2014 में ही नालसा ने  सभी राज्य सरकारों को आदेश दिए थे की ट्रांसजेंडर वेलफेयर बोर्ड बनाने के लिए लेकिन झारखंड में साध्वी अमरजीत  बार-बार प्रयास करती रही पत्र देती रही हर दफ्तर के दरवाजे खटखटाते रही लेकिन वेलफेयर बोर्ड नहीं बन पाया तब उन्होंने रांची हाई कोर्ट में PIL दर्ज कराई कोर्ट के फैसले के बाद ही ट्रांसजेंडर वेलफेयर  बोर्ड बना कोर्ट के फैसला को  8 महीने से अधिक हो गए आज उसकी पहली बैठक होनी थी बैठक में, पुलिस महानिदेशक, झारखण्ड ।सभी अपर मुख्य सचिव/ प्रधान सचिव / सचिव, गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग, झारखण्ड।

योजना एवं विकास विभाग, झारखण्ड।वित्त विभाग, झारखण्ड ।अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाती, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग। स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग, झारखण्ड। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, झारखण्ड। श्रम नियोजन एवं कौशल विकास विभाग, झारखण्ड। नगर विकास एवं आवास विभाग, झारखण्ड। ग्रामीण विकास विभाग, झारखण्ड। कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग, झारखण्ड। सचिव, झारखण्ड राज्य मानवाधिकार आयोग, राँची और तृतीय लिंग समुदाय के दो व्यक्तियों के साथ यह बैठक होनी थी

परंतु इस बैठक में चांद कुछ लोगों के साथ ही मिलकर के सिर्फ 10 मिनट के अंदर में सारी मीटिंग को कर लिया गया और समुदाय को निराश किया गया यह समुदाय के लिए बहुत बड़ा दिन था जहां पर उनके योजनाओं के लिए बात होनी थी परंतु 10 मिनट की देरी ने इस 10 वर्षों की परीक्षा को असफल कर दिया दोनों सदस्यों का कहना है कि इतने एक्टिव अगर अधिकारी हो गए हैं कि समय से आकर के समय से मीटिंग खत्म कर रहे हैं तो झारखंड में क्राइम खत्म हो जाना चाहिए और  जिस जिले में इतने क्राइम हो रहे हैं वहां पर ऐसे अधिकारियों को भेज देना चाहिए ताकि समय पर कार्रवाई हो और झारखंड राज्य में सुधार आए ट्रांसजेंडर वेलफेयर बोर्ड की सदस्य सुनैना जो कि धनबाद से है और अमरजीत जी जो कि जमशेदपुर से है दोनों अपने सामुदायिक के लिए कार्य करती हैं फिर भी समय निकालकर वह बार-बार मंत्रालय जाती हैं और उनको बार-बार निराश कर दिया जाता है

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