सोशल संवाद/डेस्क: 21 सितंबर 2025 को सर्व पितृ अमावस्या के दिन साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण लगेगा। यह रात 10:59 बजे से शुरू होकर सुबह 3:23 बजे तक चलेगा। चूंकि ग्रहण रात में होगा और भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए सूतक काल लागू नहीं होगा। यानी दिन में धार्मिक कार्यों पर कोई रोक नहीं रहेगी। सर्व पितृ अमावस्या पितृ पक्ष का अंतिम दिन माना जाता है। इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, पिंडदान और दान करना विशेष रूप से शुभ होता है।

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21 सितंबर को तर्पण का शुभ समय व महत्व
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस बार तर्पण का उत्तम समय दोपहर 1:27 बजे से 3:53 बजे तक रहेगा। इस अवधि में श्रद्धा और विधि-विधान से तर्पण करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। शास्त्रों में कहा गया है कि ग्रहण काल में किए गए दान और श्राद्ध साधारण दिनों से अधिक फलदायी होते हैं। ब्राह्मणों को भोजन कराना, वस्त्र-अन्न का दान करना और पितरों का तर्पण करने से पूर्वजों की कृपा मिलती है और घर-परिवार में सुख-समृद्धि आती है।








