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सरायकेला-खरसवां जिले के कुरूकतोपा गांव के युवा फुटबॉलर का इंडो-नेपाल यूथ गेम्स-2025 के लिए चयन

By Riya Kumari

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Young footballer from Kuruktopa village

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सोशल संवाद /  रांची / ( कोल्हान प्रमंडल ): झारखण्ड राज्य के सरायकेला-खरसवां जिले के कुरूकतोपा गांव के युवा खिलाड़ी सुदामा हेम्ब्रम ने एक बार फिर झारखण्ड राज्य का नाम रोशन किया है। उन्हें भारत की ओर से इंडो-नेपाल यूथ गेम्स चैम्पियनशिप-2025 में भाग लेने के लिए चुना गया है। सुदामा अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय फुटबॉल टीम का प्रतिनिधित्व करेंगे।

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यह प्रतियोगिता 6 से 10 अक्टूबर 2025 तक पोखरा स्टेडियम, नेपाल में आयोजित की जा रही है। आयोजन की जिम्मेदारी Youth Games Education Federation India के पास है, जिसे भारत सरकार के MSME मंत्रालय, फिट इंडिया मूवमेंट से मान्यता और नीति आयोग (NITI Aayog) से अनुमोदन प्राप्त है।

सुदामा हेम्ब्रम की मेहनत और लगन का परिणाम

कुरूकतोपा गांव के सुदामा हेम्ब्रम ने बेहद सीमित संसाधनों के बीच अपनी खेल यात्रा शुरू की थी। स्थानीय मैदान में नियमित अभ्यास और निरंतर मेहनत के बल पर उन्होंने कई जिला एवं राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। उनकी प्रतिभा और अनुशासन से प्रभावित होकर चयनकर्ताओं ने उन्हें भारतीय फुटबॉल टीम में शामिल किया ।आयोजन का उद्देश्य इंडो-नेपाल यूथ गेम्स का उद्देश्य भारत और नेपाल के युवाओं के बीच खेल भावना, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और मित्रता को बढ़ावा देना है।

इस अंतरराष्ट्रीय आयोजन में फुटबॉल, वॉलीबॉल, बास्केटबॉल, एथलेटिक्स सहित कई खेलों की प्रतियोगिताएँ आयोजित की जा रही हैं। गांव में जश्न का माहौल सुदामा के चयन की खबर मिलते ही उनके गांव कुरूकतोपा में खुशी की लहर दौड़ गई। ग्रामीणों और परिवारजनों ने मिठाइयाँ बाँटकर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की। स्थानीय शिक्षकों और कोचों ने कहा कि सुदामा शुरू से ही एक अनुशासित, परिश्रमी और समर्पित खिलाड़ी रहे हैं। उनका यह चयन गांव के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा । सुदामा हेम्ब्रम ने कहा मुझे गर्व है कि मैं भारत का प्रतिनिधित्व करने जा रहा हूँ। यह मेरे परिवार, कोच और गांव के सभी लोगों की दुआओं का परिणाम है। मेरा सपना है कि मैं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को गौरवान्वित कर सकूँ।

सुदामा हेम्ब्रम की सफलता इस बात का प्रमाण है कि संकल्प, मेहनत और लगन से कोई भी मंज़िल असंभव नहीं। सीमित साधनों के बावजूद उन्होंने यह उपलब्धि हासिल की है, जो पूरे झारखण्ड ही नहीं, बल्कि देश के युवाओं के लिए प्रेरणादायक उदाहरण बनेगी।

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