सोशल संवाद/डेस्क: Bihar Assembly Elections 2025 का माहौल अब पूरी तरह गरमाता जा रहा है। NDA गठबंधन ने अपने उम्मीदवारों और सीट शेयरिंग का ऐलान कर दिया है, लेकिन अब सबसे बड़ा सवाल फिर वही है मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा?

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केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के ताजा बयान के बाद बिहार की राजनीति में हलचल बढ़ गई है। शनिवार को पटना में अमित शाह और चिराग पासवान की मुलाकात ने सियासी चर्चाओं को और तेज कर दिया। दोनों नेताओं ने NDA की चुनावी रणनीति और संगठनात्मक तैयारियों पर विस्तार से चर्चा की।
अमित शाह ने अपने बयान में कहा कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा, इसका फैसला विधायक दल करेगा। उन्होंने साफ कहा कि “नीतीश कुमार पर न सिर्फ BJP बल्कि बिहार की जनता को भी भरोसा है। चुनाव के बाद गठबंधन के विधायक ही अपना नेता चुनेंगे, यही NDA की परंपरा रही है।”
वहीं, चिराग पासवान ने भी शाह के बयान का समर्थन किया। उन्होंने कहा, “हम पांच दलों का गठबंधन हैं, और चुनाव के बाद जो विधायक जीतकर आएंगे, वे लोकतांत्रिक तरीके से अपना नेता चुनेंगे। मुख्यमंत्री तय करने की प्रक्रिया का सम्मान किया जाना चाहिए।”
हालांकि, HAM प्रमुख जीतन राम मांझी का मत अलग था। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का चेहरा पहले तय कर लेना चाहिए था, ताकि कार्यकर्ताओं और जनता दोनों को स्पष्ट संदेश मिलता और भ्रम की स्थिति नहीं बनती।
इस बीच, अमित शाह ने विपक्ष के भ्रम फैलाने वाले दावों पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि NDA में सब कुछ सहज और पारदर्शी तरीके से हुआ है सीट बंटवारा और प्रत्याशियों का चयन पूरी सहमति से तय किया गया। अमित शाह ने दावा किया कि NDA नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ रहा है, और इस बार का नतीजा तय करेगा कि बिहार की जनता किस पर भरोसा करती है।
शाह ने आत्मविश्वास से कहा “14 नवंबर को हम सही मायनों में दिवाली मनाएंगे।” अब देखना दिलचस्प होगा कि NDA की यह एकजुटता मतदान के मैदान में कितनी मजबूती से दिखती है।








