सोशल संवाद/ डेस्क : योग, जिसे संस्कृत में ‘युज’ (जोड़ना या एकीकृत करना) से लिया गया है, एक प्राचीन भारतीय आध्यात्मिक प्रक्रिया है जो शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देती है।
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अधिकतर लोग योगासन तथा व्यायाम इन दोनों को एक ही समझते हैं परन्तु ऐसा नहीं है. इन दोनों का अपना-अपना महत्व होता है. योग सिर्फ एक कसरत नहीं है. कसरत में तो आप सिर्फ शारीरिक प्रक्रिया करते हैं लेकिन योग में आप शारीरिक, मानसिक एवं भावानात्मक प्रक्रिया करते हैं. योगासन शरीर की स्थिरता को बनाए रखता है जबकि व्यायाम शरीर की गतिशीलता को बढ़ाता है.
योग एक प्राचीन भारतीय अभ्यास है जो शरीर, मन और आत्मा को संतुलित करने में मदद करता है। यह एक समग्र अभ्यास है जो शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है।
शारीरिक लाभ
योग शरीर को लचीला बनाने में मदद करता है, मांसपेशियों को मजबूत बनाता है और संतुलन में सुधार करता है। यह रक्त परिसंचरण में सुधार करता है, विषाक्तता को कम करता है और वजन प्रबंधन में मदद करता है।
मानसिक और भावनात्मक लाभ
योग तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है, मूड में सुधार करता है और संज्ञानात्मक कार्य में सुधार करता है। यह आत्म-जागरूकता और आत्म-सम्मान को बढ़ावा देता है और बेहतर नींद में मदद करता है।
आध्यात्मिक लाभ
योग आंतरिक शांति और शांति की भावना को बढ़ावा देता है, एकाग्रता और मानसिक स्पष्टता में सुधार करता है और आत्म-संबंध को गहरा बनाता है।