सोशल संवाद/डेस्क : वक्फ कानून के विरोध में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में 10-12 अप्रैल के बीच हुई हिंसा में पिता-पुत्र की हत्या करने वाले 2 आरोपी पकड़ लिए गए हैं। एक आरोपी बीरभूम और दूसरा बांग्लादेश बॉर्डर से पकड़ा गया है। इनके नाम कालू नदाब और दिलदार नदाब हैं। इन दोनों ने हरगोबिंद दास और चंदन दास की हत्या की थी। इधर, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हिंसा से जुड़ी शुरुआती जांच रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंप दी गई है। इसमें बांग्लादेश से घुसपैठ और स्थानीय प्रशासन की लापरवाही का जिक्र है।
वक्फ कानून के विरोध में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद, नॉर्थ 24 परगना, हुगली और मालदा जिलों में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए। गाड़ियां जलाईं, दुकानों-घरों में तोड़फोड़ कर लूट भी की गई। 3 लोगों की मौत हुई। 15 पुलिसकर्मी घायल हुए। 300 से ज्यादा लोग गिरफ्तार किए गए। केंद्र सरकार ने हिंसाग्रस्त इलाकों में 1600 जवान तैनात किए हैं। इनमें 300 BSF जवान हैं।
मुर्शिदाबाद हिंसा कार्टूनिस्ट मंसूर नकवी के नजरिए से… लोग बोले- शांति चाहिए, BSF हटाई तो दिक्कत होगी
इधर, मुर्शिदाबाद में हिंसा के 4 दिन बाद हालात सामान्य हो गए हैं। प्रशासन ने कहा- हिंसा वाले शहर धुलियान में स्थिति नियंत्रण में है। लोग अब धीरे-धीरे काम पर लौट रहे हैं। धुलियान से पलायन कर चुके 500 से ज्यादा लोग अब वापस आ रहे हैं।
हिंसा प्रभावित शमशेरगंज के एक निवासी हबीब-उर-रहमान ने न्यूज एजेंसी ANI से कहा- BSF और CRPF की तैनाती के बाद माहौल शांत है। प्रशासन ने हमसे दुकान खोलने और अनुशासन बनाए रखने को कहा है। कई लोगों ने BSF की स्थायी तैनाती की मांग भी की है। उनका कहना है कि अगर BSF हटी तो फिर से हालात खराब हो सकते हैं।
एक दुकानदार ने कहा- मेरी पूरी बिल्डिंग तोड़ दी गई। दरवाजे-खिड़कियों से लोग अंदर घुसे और पूरा सामान लूट लिया। 13.5 लाख रुपए कैश लेकर चले गए। कुल मिलाकर करीब 20-25 लाख का नुकसान हुआ है। वहीं, अधीर रवि दास ने बताया- मेरी दुकान पूरी तरह जलकर राख हो गई। 6-7 लाख रुपए के सामान का नुकसान हुआ है।