सोशल संवाद / डेस्क : मैं सभी वाल्मीकि समाज को शुभकामनाएँ देता हूं और सारे देश में वाल्मीकि समाज आर्थिक और शिक्षा की दृष्टि से बहुत कमजोर है। इस समाज को अगर ऊपर आना है, हम सब लोगों को उनकी शिक्षा की तरफ ध्यान देना जरूरी है। जब हम लोग शिक्षा की तरफ ध्यान देंगे, समाज में सामाजिक न्याय भी मिलेगा और सभी लोग आगे बढ़ेंगे, खासकर नौजवानों को शिक्षा की जरूरत है और वह शिक्षा प्राप्त करने के लिए वह पूरी कोशिश करें, हम उसी दृष्टि से आज यहां पर आए हैं और एक बार उनको नमन करके मैं आपसे विदा लेता हूं।
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एक प्रश्न के उत्तर में मल्ल्किार्जुन खड़गे ने कहा कि मैंने बोला दलित समाज को शिक्षा की दृष्टि से आगे आना चाहिए और आर्थिक बल उनमें होना चाहिए और तीसरा जो है आर्थिक बल के साथ, कि वो यूनिटी के साथ रहना चाहिए। यानी मनुष्य बल, मानसिक बल और आर्थिक बल, अगर ये तीन बल उनके साथ रहें, तो मैं समझूंगा कि यह समाज आगे आया है और इसी दृष्टि से सभी लोग काम करें और सभी लोग चलें कि हम बगैर शिक्षा, बगैर मजबूती, बगैर आर्थिक बल के दूसरे जो हमारे ऊपर दबाव आता है, जो अन्याय होता है, जो हम लोगों को हर जगह दबाया जाता है, उसका हम मुकाबला नहीं कर सकते।
इसलिए इन तीन चीजों की जरूरत है, सारे देश में दलित लोग एक होना चाहिए, चाहे वह किसी भी समाज के हो। जब तक वह एक होकर लड़ेंगे नहीं, उनके हक की सुरक्षा नहीं होगी। इसीलिए तो हमने संविधान बचाओ का आंदोलन चलाया है, उसी तरह लोकतंत्र बचाने का आंदोलन चलाया। लोकतंत्र और संविधान अगर बचा तो देश में मजबूती आएगी।