---Advertisement---

आखिर क्यों डरते है इस मंदिर में जाने से लोग, क्या है इस मंदिर का रहस्य?

By admin

Published :

Follow

Join WhatsApp

Join Now

सोशल संवाद/डेस्क: दुनिया में ऐसी कई पुरातन जगह हैं, जिनका रहस्य आज भी लोगों को चौंकाता है. भारत तो वैसे भी चमत्कारों और आस्था का देश है. यहां कश्मीर से कन्याकुमारी तक कई चमत्कारिक मंदिर, दरगाह, गांव, साधु, संत, तांत्रिक और रहस्यमय गुफाएं मिल जाएंगी. कला और संस्कृति के धनी मरुधरा की रेतीली धरती में भी कई राज दफन हैं. राजस्थान का किराडू मंदिर रहस्यों से भरा हुआ है. अब इसे आप चमत्कार कहें या अंधविश्‍वास, इस मंदिर के बारे में प्रचलित हैं कि शाम ढलने के बाद यहां गलती से भी अगर कोई रुक जाता है तो वो हमेशा के लिए पत्थर का बन जाता है.

ये मंदिर राजस्थान के बाड़मेर से करीब 30 किलोमीटर दूर छोटा से कस्बे में है. इस कस्बे का नाम भी इसी मंदिर के नाम पर रखा गया है. अब बाड़मेर का किराडू 11वीं शताब्दी तक कभी परमार वंश की राजधानी हुआ करता था. आज किराडू के नाम से ही लोगों के दिल की दहशत फैल जाती है. देश की जिस धरोहर पर सैलानियों की भीड़ होनी चाहिए, उसके वीरान रास्ते एक ही सवाल गूंजता है कि क्या वाकई कोई मंदिर भी श्रापित हो सकता है? किराडू मंदिर से जुड़ी सदियों पुरानी किवदंतियां आज भी कायम हैं. वो किवदंतियां जो 900 सालों से इस विरासत पर एक कलंक बनी हुई हैं.

इस मंदिर को देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं, लेकिन शाम ढलने से पहले ही यहां से चले जाते हैं. इसके पीछे एक बेहद खौफनाक वजह है. इस मंदिर की मान्यता है कि जो भी व्यक्ति सूरज ढलने के बाद इस मंदिर में रुकता है, वह हमेशा के लिए पत्थर का बन जाता है. इस खौफनाक रहस्य के कारण यहां कोई भी शाम ढलने के बाद नहीं ठहरता है.

इतने खौफनाक रहस्य के बाद भी इस मंदिर की खूबसूरती लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है. इस कारण यहां दिन में लोगों का मेला लगा रहता है. ऐसी मान्यता है कि इस खौफनाक रहस्य के पीछे एक साधु का श्राप है. कुछ लोग इस पर भूतों का साया भी मानते हैं. यहां के लोगों का कहना है कि आज तक कोई भी व्यक्ति शाम ढलने के बाद इस मंदिर से वापस नहीं लौटा है. यह मंदिर बेहद खूबसूरत है और खंडहरों के बीच स्थित है. हालांकि इस रहस्यमयी मंदिर के नाम से लोगों में खौफ है.

शाम ढलते ही यहां की सारी वास्तुकलाएं तालों में जकड़ दी जाती हैं. कहते हैं कि अंधेरा होने के बाद यहां जो भी रुका, वो पत्थर का बन गया. जी हां, लोगों का मानना है कि यहां मौजूद तमाम पत्थर, कभी इंसान हुआ करते थे. वो इंसान, जिन्होंने बीते समय में कभी मंदिर के कायदे-कानून को चुनौती देने की जुर्रत की थी. क्या वाकई ऐसा हो सकता है कि कोई इंसान पत्थर बन जाए ? क्या वाकई इन कहानियां में कोई सच्चाई है ? या फिर ये केवल सदियों पुरानी अफवाहें ङर हैं.

 

 

 

YouTube Join Now
Facebook Join Now
Social Samvad MagazineJoin Now
---Advertisement---