सोशल संवाद/डेस्क : चायनीज लोगो के बारे में ये कहा जाता है की ये हर तरह के भोजन आराम से पचा सकते है. सांप,चमगादर, मगरमच्छ और भी बड़े से बड़े जानवरों को यहाँ के लोग बहुत आराम से खा पाते है. यहाँ के लोगो में पचाने की शक्ति बहुत होती है. लेकिन कहते है न कुदरत हर किसी कुछ खूबी देती है तो कुछ कमी भी देती है. बड़े बड़े सांप मगरमच्छ जैसे चीज़ को खाने वाले चायनीज मात्र एक दूध नहीं पचा पाते. जान कर ये काफी हैरान रहा होगा लेकिन ये सच है चायनीज लोग दूध नहीं पीते. जो लोग दूध पीते है वो बहुत अधिक बीमार पड़ जाते है. इसलिए चायनीज में दूध पीना अच्छा नहीं माना जाता है.
चीन की आधी से ज्यादा आबादी लेक्टोज इनटॉलरेंट (Lactose intolerant) है, यानी वो दूध नहीं पचा पाती है. खुद रिसर्च में ये बात साफ हो चुकी है. इसके मुताबिक ये समस्या चीनियों के डीएनए की वजह से होती है, जिससे उन्हें जन्म से साथ ही दूध पचाने में मुश्किल आती है. तो ऐसा क्या कारण है, जिससे सांप-चमगादड़ जैसा एग्जॉटिक मांस पचा पाने वाले चीन में दूध पचाना मुश्किल हो जाता है. जानिए.
क्या है दूध न पचा पाना
दूध या इससे बनी चीजें खाने पर अपच को लेक्टोस इनटॉलरेंस कहते हैं. यानी लेक्टोज न सह पाना. लेक्टोज दूध में पाई जाने वाली शक्कर है, जो इससे बनी चीजों जैसे पनीर, घी और बटर में भी होती है. जो लोग दूध पचा नहीं पाने की बात करते हैं, वे असल में इसमें पाई जाने वाली यही शक्कर नहीं पचा पाते. इस अपच का कारण है उनकी छोटी आंत, जिसमें लेक्टोज को पचाने के लिए जरूरी एंजाइम नहीं बन पाता.
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