सोशल संवाद/डेस्क : राज्य में खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों के अनाज की लूट के लिए आहार पोर्टल में छेड़छाड़ का मामला सामने आया है। पोर्टल से लाभुकों में कई गैर पीवीटीजी को भी पीवीटीजी में डाल दिया गया है। मामले के खुलासे के बाद सरकार ने साइबर अपराध के पहलु पर जांच का आदेश दिया था। इसके बाद सीआईडी की साइबर शाखा ने जांच शुरू कर दी है।
राज्य में खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू होने के बाद पीवीटीजी को अनाज पैकेट घर तक मुफ्त पहुंचाया जाता है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के लाभुकों के लिए अनुदानित दर पर अनाज उपलब्ध कराने के लिए 2021 से राज्य खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू किया गया है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम में राज्य खाद्य सुरक्षा अधिनियम से लाभुकों का स्थानांतरण होना है। इसमें प्राथमिकता पीवीटीजी है। इसके लिए डीएसओ को लॉगिन आईडी मिली है।
समीक्षा में पाया गया कि पूर्वी सिंहभूम में 1199, गिरिडीह में 2577, गुमला में 1938, हजारीबाग में 1014 और लोहरदगा जिले में 1045 राशनकार्ड को बिना कोई दस्तावेज के पीवीटीजी श्रेणी में परिवर्तित कर दिया गया।