सोशल संवाद / जमशेदपुर : जमशेदपुर अक्षेष ने आज उच्च न्यायालय की अंतिम चेतावनी के बाद अक्षेष के पार्किंग के दो ठेकेदारों निशिकांत सिंह और पुतुल पांडे को अक्षेष द्वारा पार्किंग स्थल आबंटन के लिए ली गयी कुल मूल राशि क्रमशः ₹29.53 लाख और ₹11.15 लाख वापस कर दिया। हलांकि अक्षेष ने अब भी माननीय उच्च न्यायालय के आदेशों की अवमानना की है क्योंकि माननीय उच्च न्यायालय ने अक्षेष को मूल राशि के साथ ब्याज भी देने को कहा था जिसे दोनों ठेकेदारों के अधिवक्ता माननीय उच्च न्यायालय को अगली तारीख से पहले दो हलफनामा दायर कर अक्षेष द्वारा की गयी अवमानना की जानकारी देंगे।
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ज्ञातव्य है कि पार्किंग के ठेके के लिए दोनों ठेकेदारों ने बोली लगाई थी और ठेका आबंटित होने पर आबंटन राशि जमा किया था लेकिन बाद में ठेकेदारों को पता चला कि जो जगह उन्हें आबंटित की गयी थी वह सीमांकित नहीं थी और उस जगह पर वहाँ के दुकानदार वर्षों से अपनी गाड़ियां लगा रहे थे जो पार्किंग शुल्क देने के लिए तैयार नहीं थे। इसके अलावे आम लोग भी पार्किंग शुल्क देने को तैयार नहीं थे। अक्षेष को इस संबंध में सूचित करने के बाद भी अक्षेष ने ठेकेदारों की समस्याओं की अनदेखी की! पुतुल पांडे के मामले में उपायुक्त ने जगह ही बदल दिया जहाँ पार्किंग शुल्क लेना लगभग नामुमकिन था और आमलोग वहाँ अपने वाहन खड़े भी नहीं करते थे।
परेशान होकर दोनों ठेकेदारों ने ठेके को रद्द कर उनके पैसे वापस करने को कहा लेकिन अक्षेष के डिप्टी कमीश्नर ने पैसे लौटाने से साफ मना कर दिया। दोनों ठेकेदारों ने माननीय उच्च न्यायालय में गुहार लगाई जहाँ अधिवक्ता अखिलेश श्रीवास्तव, अशोक झा और मंजरी सिंहा ने रिट कर्ताओं की पैरवी की! पूरी सुनवाई के बाद माननीय उच्च न्यायालय ने 19.09.2023 को अपने आदेश द्वारा ठेकेदारों के पैसे ब्याज सहित वापस करने के लिए कहा जिसे अक्षेष के डिप्टी कमीश्नर कृष्ण कुमार ने नहीं माना।
पिटीशनरों ने माननीय उच्च न्यायालय में उसके बाद अवमानना की पिटीशन लगाई। माननीय उच्च न्यायालय ने नाराज होकर अक्षेष के डिप्टी कमीश्नर को 25.02.2925 को अदालत में सशरीर उपस्थित होने को कहा। सुनवाई के दौरान जब डिप्टी कमीश्नर ने संबंधित मंत्रालय के सचिव से आदेश प्राप्त करने की बात की तब माननीय अदालत नाराज होकर डिप्टी कमीश्नर को जेल भेजने की चेतावनी दी। इस पर क्षमायाचना करने पर माननीय अदालत ने डिप्टी कमीश्नर को अंतिम मौका दिया पर अक्षेष ने इसबार भी फिर से माननीय उच्च न्यायालय की अवमानना की है।