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असम चुनाव से पहले कांग्रेस में नेताओं की एंट्री, भाजपा पर जमीन कब्जा और माफियाराज का आरोप

By Riya Kumari

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असम चुनाव

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सोशल संवाद / नई दिल्ली : असम विधानसभा चुनाव से पहले दूसरे दलों के नेताओं का कांग्रेस में शामिल होने का सिलसिला लगातार जारी है। शुक्रवार को चार बड़े नेताओं ने कांग्रेस संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल, असम कांग्रेस के प्रभारी जितेंद्र सिंह अलवर और प्रदेश अध्यक्ष गौरव गोगोई की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।

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इसके बाद पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए जितेंद्र सिंह अलवर ने बताया कि पूर्व मंत्री, तीन बार के विधायक व असम गण परिषद के नेता बुबुल दास, असम गण परिषद के वरिष्ठ नेता अशोक कुमार, आठ बार विधायक रहे रामेश्वर धनोवर के पुत्र व चाय बगान क्षेत्र के कद्दावर नेता गौतम धनोवर और लोंगकी तोकबी कांग्रेस में शामिल हुए हैं।

जितेंद्र सिंह ने आरोप लगाया कि असम में मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और उनकी मंडली द्वारा माफियाराज चलाया जा रहा है और जमीनों पर कब्ज़ा किया जा रहा है। खासतौर पर छठी अनुसूची क्षेत्रों में जमीन हड़पकर असम की पहचान और संस्कृति को खत्म किया जा रहा है। इससे पीड़ित होकर ये नेता कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश के हर जिले में हजारों की संख्या में लोग भाजपा सरकार से त्रस्त होकर कांग्रेस में आ रहे हैं।

असम प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गौरव गोगोई ने सभी नेताओं का स्वागत करते हुए बताया कि यह सिलसिला 10 सितंबर से शुरू हुआ है और अब हर महीने की 10 तारीख को दूसरे दलों के दिग्गज नेता कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि 10 नवंबर को 11,000 लोग पार्टी में शामिल हुए, जो दर्शाता है कि असम में हवा का रुख बदल रहा है और कांग्रेस के पक्ष में हवा चल रही है।

भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए गोगोई ने कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में असम में नफरत का उद्योग और घृणा का कारखाना फल-फूल रहा है। कांग्रेस इस नफरत के कारखाने को बंद कर नौकरियों का उद्योग खोलेगी। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी आज असम की सबसे बड़ी समस्या है। उन्होंगे आगे कहा कि चाय उद्योग जैसे पारंपरिक उद्योग खत्म होते जा रहे हैं और भाजपा के नेता ही चाय बागान के मालिक बन रहे हैं। असम की अर्थव्यवस्था अब सिर्फ मुख्यमंत्री के करीबी चार-पांच ठेकेदारों के भरोसे चल रही है।

गोगोई ने जोर देकर कहा कि बड़े उद्योगपतियों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबियों को असम में आदिवासियों की 13,000 एकड़ जमीन दी गई है और स्थानीय आदिवासियों को बेघर किया जा रहा है।

इस दौरान सांसद प्रद्युत बोरदोलोई, सांसद रकीबुल हुसैन, कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव पृथ्वीराज साठे, मनोज चौहान और अभी हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए यूपीपीएल दल नेता बीरखंग बोरो, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गणेश कुटुम के पुत्र शंकर ज्योति कुटुम, गुवाहाटी हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता शाह नवाज, कुलदीप राजबोंगशी भी मौजूद रहे।

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