सोशल संवाद / चांडिल: एक सोची समझी साजिश के तहत विस्थापित गांवों में चांडिल डैम का पानी घुसाकर ग्रामीणों को बेघर किया गया है। मौसम विभाग के पहले ही अलर्ट जारी कर दिया था। जल संसाधन विभाग को अच्छी तरह से इस बात की जानकारी है कि डैम का जलस्तर बढ़ने से विस्थापित गांव जलमग्न हो जाते हैं। ऐसे में बारिश से पहले ही यदि डैम का जलस्तर कम कर दिया गया होता तो आज विस्थापितों के घर बाड़ी डूबने से बच जाते। उक्त बातें आजसू पार्टी के केंद्रीय महासचिव हरेलाल महतो ने कहा है।
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हरेलाल महतो ने कहा कि साजिश के तहत विस्थापितों को बेघर किया गया है, इस मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन की बैठक में भी यह निर्णय लिया गया था कि चांडिल डैम का जलस्तर 179 मीटर से अधिक भंडारण नहीं किया जाएगा, फिर किन परिस्थितियों में 183.5 मीटर तक जल भंडारण किया गया। हरेलाल महतो ने कहा कि हेमंत सरकार और उसके विधायक विस्थापन आयोग गठन करने का झूठा वादा करके हमारे चांडिल डैम के विस्थापितों को छलने का काम किया है, इसका खामियाजा हेमंत सरकार को भुगतना पड़ेगा।
बुधवार को आजसू महासचिव हरेलाल महतो ने बाढ़ प्रभावित विस्थापित ग्राम काली चामदा तथा मैसड़ा का दौरा किया तथा पीड़ित विस्थापितों की जानकारी ली। इस दौरान हरेलाल महतो ने निजी स्तर से काली चामदा में 44 परिवार तथा मैसड़ा के तीन परिवार को राशन सामग्री उपलब्ध कराया। उन्होंने प्रत्येक परिवार को एक पैकेट चावल, दाल व आलू उपलब्ध कराया। इस दौरान हरेलाल महतो ने पीड़ित विस्थापित परिवारों को भरोसा दिलाया है कि आगे भी जिस तरह के सहयोग की जरूरत होगी, उन्हें उपलब्ध कराया जाएगा।