सोशल संवाद डेस्क : साइक्लोन मोका शुक्रवार रात मध्य और इससे सटे दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल गया है। इसका असर दुनिया के सबसे बड़े रिफ्यूजी कैंप पर भी पड़ सकता है। वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक, साइक्लोन के चलते अगर बाढ़ या लैंडस्लाइड होता है तो ये बांग्लादेश-म्यांमार बॉर्डर पर स्थित रोहिंग्या रिफ्यूजी कैंप को तबाह कर सकता है।
इस दौरान WHO ने कहा कि वो रिफ्यूजी कैंप के लिए 33 मोबाइल मेडिकल टीमों, 40 एंबुलेंस के साथ-साथ इमरजेंसी सर्जरी और हैजा किट भेजने की तैयारी कर रहा है। वहीं म्यांमार के रखाइन राज्य में निचले इलाकों के निवासी शुक्रवार को अपने घरों को छोड़कर राजधानी सितवे में आ गए। इसके अलावा करीब 1 हजार लोग एक मठ में शरण लेने की तैयारी कर रहे हैं।
इसके साथ ही मौसम विभाग ने मछुआरों और शिप्स को रविवार तक मध्य और उत्तरपूर्व बंगाल की खाड़ी और उत्तरी अंडमान सागर में ना जाने की सलाह दी है। वहां पहले से मौजूद जहाजों को तट पर लौटने के लिए कहा गया है। मोका की वजह से त्रिपुरा और मिजोरम में शनिवार को भारी बारिश होने की संभावना है। रविवार को नगालैंड, मणिपुर और साउथ असम में कई जगहों पर बारिश हो सकती है।
रविवार को 175 किमी/घंटा की स्पीड से चलेंगी हवाएं
मौसम विभाग के मुताबिक, तूफान रविवार को उत्तर-उत्तरपूर्व में मुड़ जाएगा। तूफान के बांग्लादेश के कॉक्स बाजार और म्यांमार के सित्तवे शहर के बीच लैंडफॉल करने की उम्मीद है। इस दौरान 175 किमी/घंटा की स्पीड से हवाएं चलेंगी।