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अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत स्वर्ण जयंती आयोजन समिति ने केद्रीय कार्यक्रम के अंतर्गत दूध में मिलावट के परिप्रेक्ष्य पर विचार गोष्ठी का आयोजन

सोशल संवाद/डेस्क : ग्राहक पंचायत ने दूध में मिलावट स्थिति, समस्या और समाधान के संदर्भ में विचार गोष्ठी का आयोजन जुगसलाई में डाॅ अनिता जी के आवास पर आयोजित किया। मिलावट के कारण कैंसर, शुगर, प्रेशर जैसे खतरनाक बीमारियों के बढ़ते रोगियों की संख्या पर चिंता व्यक्त किया गया। विषय प्रवेश कराते हुए महिला आयाम प्रमुख रूबी लाल ने कहा कि जिस तरह से हम सभी अपने घर में गैराज रखते हैं इसी तरह से एक छोटा स्थान गौ पालन, गौ ग्रास के लिए भी होना चाहिए तभी हमें शुद्ध दूध मिल पाएगा और पशुपालन की जो संस्कृति है वह भी बची रहेगी। स्वागत भाषण देते हुए आयोजन समिति सहसचिव डॉ अनीता शर्मा जी ने सभी अतिथियों का परिचय कराया और कहा कि दूध की अशुद्धता और उसके दुष्प्रभाव पर बात करना और लोगों तक इसे पहुंचाना आवश्यक है क्योंकि दूध एक आवश्यक पेय पदार्थ है और हर घर में इसका प्रयोग होता है।

भारतीय खाद्य संस्कृति में प्राकृतिक दूध का पौराणिक और स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से महत्व पर बात करते हुए सुष्मिता जी ने कहा कि पौराणिक कथाओं में भी दूध, दही ,मक्खन की चर्चा होती है और पूजा में भी हम इसका प्रयोग करते हैं पर आज जिस तरह से दूध में अशुद्धियां पाई जा रही हैं और गाय के चारे में रसायन मिलाकर और गाय को सुई देकर जो दूध निकल रहा है वह भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है और यह एक चिंतनीय विषय है । दूध में मिलावट के विभिन्न तरीके और सेहत पर उसके दुष्प्रभाव पर उपाध्यक्ष ऐंजिल उपाध्याय जी ने कहा कि दूध अगर अशुद्ध हो तो कई तरह की बीमारियाँ हमें हो जाती हैं और यह हर आयु के लोगों को नुकसान पहुंचाता है।

मिलावटी दूध एवं उसकी पहचान तथा इसके दुष्प्रभाव की जानकारी देते हुए डॉक्टर रजनी रंजन ने कहा कि किस-किस तरीके से हम शुद्ध और अशुद्ध दूध के बीच का अंतर समझ सकते हैं और साथ ही उन्होंने बताया कि अशुद्ध दूध से कौन सी बीमारियों और मानसिक रोग का शिकार हम हो सकते हैं इन्होंने उससे बचाव के तरीकों पर भी बात की। दूध में मिलावट की शिकायत और समाधान हेतु ग्राहक पंचायत के कार्यकर्ताओं द्वारा किये जा रहे जन जागरण और अन्य प्रयासों पर बोलते हुए डॉक्टर अनीता शर्मा ने कहा कि अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत ने इस महीने इस विषय पर संज्ञान लेते हुए कई जगहों पर ज्ञापन और आरटीआई भी दिया है ताकि अशुद्ध दूध से होने वाली विकृतियों से हम बच सकें और सबों को इसके बारे में जागरूक भी कर सकें। विचार-विमर्श के दौरान संगीता मिश्रा, सुचित्रा जोशी, अंशु , मुस्कान , ऋचा और शांति देवी ने भी अपने विचार रखे। प्रांत सचिव डॉ कल्याणी कबीर ने संचालन किया और इस विषय पर संस्था द्वारा नियमित रूप से अनुवर्ती प्रयास करने की आवश्यकता पर जोर दिया तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया अंशु ने।शांति मंत्र के समवेत स्वर पाठ के साथ विचार गोष्ठी संपन्न हुआ।

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