सोशल संवाद / झारखंड : पोटका प्रखंड के हाथीबिंधा पंचायत स्थित गांव – बांधडीह के जीतन कालिंदी, पति – स्व. नलिन कालिंदी, उम्र अस्सी पार, जिनकी पेंशन की स्वीकृति वर्ष – 2014 को हुई है। तब से इनके बैंक खाते में पैसे निरंतर आता रहा है पर बीते लगभग दो वर्षों से इनका पेंशन राशि आना बंद हो गया है। वृद्धा के साथ साथ विधवा भी जीतन कालिंदी जंहा अत्यंत गरीब है वंही असहाय भी। इतनी उम्र में भी जीने की संघर्ष में उन्हें गांव घरों में सध्यानुसार मजदूरी करने को मजबूर किया है। वर्तमान उनके सामने भुखमरी की स्थिति है। एक ओर जंहा सरकार द्वारा “मईया सम्मान” जैसी बड़ी योजना चलाई जा रही है – माननीय जिला उपायुक्त द्वारा जन समस्याओं की निराकरण के लिए हर हफ्ते प्रखंड दिवस चलाया जा रहा है – वंही ऐसी दु:खद कहानी कैसी विडंबना है!

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ये घटना कंही ना कंही निचली स्तर की व्यवस्था की लापरवाही को ही दर्शाता है। जो सुधार की जरूरत है। साथ ही ये भी सच है की कुछ चीजें जानकारी तथा सूचना के अभाव से भी दब जाती है। कुछ चीजें अच्छे पड़ोसियों ग्रामीणों की भी कर्तव्य होती है की उस समस्या को सही व्यक्ति या व्यवस्था तक पंहुचाएं ताकि उसकी समाधान हो सके।
ऐसे ही एक अच्छे पड़ोसी या ग्रामीण के कर्तव्य का निर्वाहन करते हुए आज पीड़िता जीतन कालिंदी के गांव के ही समाज सेवा में रुचि रखने वाले व्यक्ति पिंटू मंडल द्वारा इनकी दु:खद कहानी को सुनकर इसकी सूचना अपने पूर्व जिला पार्षद करुणा मय मंडल को दिया गया। पूर्व पार्षद मंडल ने आश्वस्त किए की बुधवार को जिला सामाजिक सुरक्षा विभाग में जाकर उनकी समस्या की समाधान करवाएंगे। ऐसे एक घटना चांदपुर पंचायत के गांव – चांदपुर के भैरव चंद्र दास के है। उन्हें भी लगभग एक साल के ऊपर से पेंशन राशि नहीं मिला है जो यंहा वंहा भटक के परेशान होकर असफल होने के बाद पूर्व पार्षद के पास पंहुचे।उन्हें भी मंडल ने पेंशन दिलवाने का आश्वस्त किए।
पूर्व पार्षद मंडल ने कहा जब तक पंचायती राज व्यवस्था दुरुस्त नहीं हो पायेगी तब तक ऐसी छोटी मोटी समस्याओं के लिए भी जनता को परेशान रहना पड़ेगा।








