सोशल संवाद / जमशेदपुर : अरका जैन विश्वविद्यालय के फैशन डिज़ाइन विभाग ने बेल्डीह क्लब हॉल में फैशन फॉरवर्ड नाम से एक फैशन शो अंग्रेजी विभाग के सहयोग से आयोजित कर अपने इन-हाउस डिज़ाइन कलेक्शंस को दर्शकों के सामने रैंप वाक के माध्यम से रखा। साठ से अधिक मॉडल्स ने रैंप पर फैशन के ट्रेंड सेट करते हुए कॉस्टूम्स पेश किये जिसे काफी सराहा गया।
इस शो में जमशेदपुर पूर्वी की विधायक पूर्णिमा दास साहू मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थी जिन्होंने कहा कि अरका जैन विश्वविद्यालय कम ही समंय में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में काफी ऊँचा मुकाम हासिल किया है और फैशन फॉरवर्ड जैसे फैशन शो से विश्वविद्यालय ने साबित किया है कि ये बड़े शहरों के संस्थाओं के समकक्ष खुद को स्थापित कर लिया है। विशिष्ट अतिथियों में को-ओपरेटिव कॉलेज के प्राचार्य डॉ अमर सिंह, टाटा स्टील के कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन के पूर्व हेड रूना राजीव कुमार, बंगलोर के और लैक्मे फैशन वीक फेम डिज़ाइनर पद्म राज केसरी, समाज-सेवी सोनिया खनूजा समेत शहर के नामचीन हस्तियां मौजूद रहीं।

विश्वविद्यालय के बोर्ड ऑफ़ मैनेजमेंट के अध्यक्ष प्रो एसएस रज़ी, निदेशक-सह-कुलसचिव डॉ अमित कुमार श्रीवास्तव, कैंपस डायरेक्टर डॉ अंगद तिवारी, वित्त पदाधिकारी ऋचा गर्ग, संयुक्त कुलसचिव डॉ जसबीर सिंह धंजल, फैशन डिज़ाइन विभाग के प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर उषा किरण बारला ने अतिथियों का अभिनन्दन किया और अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डॉ राजकुमारी घोष ने औपचारिक स्वागत भाषण दिया।
इस अवसर पर डॉ अंगद तिवारी ने विश्वविद्यालय की ओर से कहा कि इस शो के मनमोहक कॉस्टूम्स विश्वविद्यालय के फैशन डिज़ाइन के विद्यार्थियों ने बनाया है जो इस बात कि अब जमशेदपुर में भी फैशन डिज़ाइन में ऊँचे स्तर की स्किल बेस्ड पढ़ाई कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि अरका जैन विश्वविद्यालय के फैशन डिज़ाइन विभाग ने समय को जाना है और अपने विद्यार्थियों को नीड बेस्ड स्किल दिया है।

कुलसचिव डॉ अमित श्रीवास्तव ने कहा कि हमारी कोशिश है कि शहर और झारखण्ड राज्य से किसी भी क्षेत्र के शिक्षा के लिए किसी को बाहर पलायन न करना पड़े।

विदित हो कि मुख्य शो के बाद शहर के कई स्कूलों के विद्यार्थियों ने एक रैंप वाक कांटेस्ट में भागीदारी निभाई कार्यक्रम के दरम्यान कंदिशा नृत्य ने भी काफ़ी तालियां बटोरी। उक्त शो को सफल करने में फैशन डिजाइन के विभागीय प्रधान प्रो उषा किरण बारला, सहायक प्राध्यापक अनूप कुमार सिंह, मनीषा सिंह, पूनम कुमारी का विशेष योगदान रहा। साथ ही एमओयू पार्टनर्स कला मंदिर, स्वच्छता पुकारे एवं आदिवासी डॉट ऑर्ग के अलावे प्रोजेक्ट रिडेनीम, लैक्मे अकादमी, एक्टिव फॉर एवर और डर्टी पॉज का भी सहयोग रहा।