छत्तीसगढ़ सरकार को दबाने और बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा- बघेल

सोशल संवाद / दिल्ली (रिपोर्ट -सिद्धार्थ प्रकाश)-छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में जांच एजेंसियों द्वारा छापेमारी पर सवाल खड़े करते हुए मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है। भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार को दबाने और बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है। हम छत्तीसगढ़ के लोग हैं, हम मरने और जेल जाने से नहीं डरते हैं। भाजपा का सिर्फ राजनीतिक उद्देश्य हैं। भाजपा प्रजातांत्रिक ढंग से चुनाव नहीं लड़ना चाहती है।

नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस वार्ता में भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार को दबाने का प्रयास हो रहा है। जुलाई 2020 में झारखंड चुनाव हारने के बाद भाजपा ने इसकी शुरुआत की थी। ढाई साल तक वे चुप रहे। मगर चुनाव नजदीक आते ही फिर शुरू हो गए, जबकि सभी कागजात ईडी को सौंप दिए गए थे। चुनाव नजदीक आते ही ईडी सक्रिय हो गई है और कहा जा रहा है कि 2168 करोड़ का शराब घोटाला हुआ है। नकली होलोग्राम का प्रयोग करने का आरोप लगाया गया, लेकिन होलोग्राम का प्रयोग तो डिस्‍टलर करता है। डिस्‍टलर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। ईडी के द्वारा आरोप लगाया जा रहा है कि राज्य के खजाने को नुकसान पहुंचाया गया है। जबकि कांग्रेस सरकार बनने के बाद आबकारी का रेवेन्यू 3,900 करोड़ से बढ़कर 6,500 करोड़ हो गया है।

बघेल ने कहा कि कोयला घोटाले का नाम लेकर 500 करोड़ का आरोप लगाया गया है। इसमें एफआईआर कर्नाटक में दर्ज हुई, फिर भोपाल और नोएडा में भी हुई। उसके बाद चार बार सप्लीमेंट्री चालान प्रस्‍तुत किए जा चुके हैं। चल-अचल संपत्ति, सब मिलाकर अभी तक ये 150 करोड़ पहुंचा है और आरोप 500 करोड़ का है।

बघेल ने कहा कि धान घोटाले का नाम लेकर राइस मिलों पर छापेमारी की गई। छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने किसानों को नुकसान से बचाया है। भाजपा को तकलीफ ये है कि किसानों के 107 लाख मीट्रिक टन धान की बिलिंग कैसे हो गई? अभी तक होता ये था कि फसल बाहर पड़ी-पड़ी सड़ जाती थी। कांग्रेस सरकार ने यह नुकसान बचाए हैं, भाजपा को इसी बात की परेशानी है।

भूपेश बघेल ने कहा कि जांच एजेंसियों के अधिकारी घरों में जाते हैं, मोबाइल जब्त करते हैं। संपत्ति और खाते सीज करते हैं। पूरे परिवार को कई दिन तक घर में बंधक बनाए रखते हैं। एजेंसियों के अधिकारी बस बैठे रहते हैं और इनके पास सवाल नहीं होते हैं। जब तक ऊपर से ऑर्डर नहीं आता, तब तक खाली नहीं करते हैं और फिर राजनीतिक सवाल पूछते हैं।कल मेरे राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा और ओएसडी पर छापेमारी की गई, मगर कुछ नहीं मिला। इसका मतलब ये है कि अब पाटन में भारतीय जनता पार्टी का प्रत्याशी नहीं लड़ेगा, बल्कि ईडी और आईटी लड़ेंगे। पहले आईटी ने छापा डाला, फिर ईडी घुसी और अब कोर्ट में अर्जी लगाई है कि इसमें सीबीआई जांच होनी चाहिए।

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