सोशल संवाद / डेस्क : विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस के अवसर पर आज जमशेदपुर स्थित PAMHJ लालफिक केंद्र, सोनारी में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य ऑटिज्म से प्रभावित व्यक्तियों की विशिष्ट क्षमताओं का उत्सव मनाना और समाज में जागरूकता फैलाना था।
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कार्यक्रम में जिला सामाजिक कल्याण पदाधिकारी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं। उन्होंने अपने संबोधन में ऑटिज्म से प्रभावित लोगों के लिए समावेशी वातावरण बनाने की आवश्यकता पर बल दिया और प्रारंभिक निदान के महत्व को रेखांकित किया। PAMHJ के सचिव श्री पी. बाबू राव ने कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए न्यूरोडायवर्सिटी (तंत्रिका विविधता) को समझने और अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।

इस अवसर पर ऑटिज्म से प्रभावित बच्चों के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए 10 शैक्षणिक किट निःशुल्क वितरित किए गए, जो उनके दैनिक जीवन कौशल और शिक्षा में सहायक सिद्ध होंगे। साथ ही, 13 विधिक संरक्षक प्रमाण पत्र भी संबंधित बच्चों के अभिभावकों को सौंपे गए, जिससे उन्हें कानूनी रूप से मान्यता और सहारा प्राप्त होगा।
इस कार्यक्रम में PAMHJ के लगभग 60 सदस्यों ने भाग लिया और सक्रिय रूप से सहभागिता निभाई। लायन आनंद चौधरी एवं लायन मदन मोहन केशरी भी उपस्थित रहे और उन्होंने अपने महत्वपूर्ण विचार साझा किए। विश्व ऑटिज्म दिवस हमें यह याद दिलाता है कि हमें विभिन्नताओं का सम्मान करना चाहिए और एक समझदार, सहिष्णु और समावेशी समाज की दिशा में मिलकर प्रयास करना चाहिए।