रमजान के पवित्र माह में मुस्लिम 30 दिनों तक रोजा रखते हैं और सुबह व शाम के समय सहरी और इफ्तारी खाकर ही रहते हैं। रमजान के इन दिनों में शरीर रोजे के अनुसार खुद को ढाल लेता है। और शरीर को कम खाने की और असमय खाने की आदत हो जाती है। लेकिन, अब रमजान खत्म होने को है जिससे खानपान का समय फिर से पहले वाला होने वाला है। इससे शरीर को खुदको पहले वाली डाइट में ढालने में मुश्किल आती है। रमजान में इंसुलिन हार्मोन रेग्यूलेट हो जाता है, किडनी और ब्लड प्रेशर पर भी असर पड़ता है। ऐसें में रमजान खत्म होने के बाद शरीर को पहले वाली डाइट में कैसे ढाला जा सकता है जानिए यहां।
तुरंत ना करे भारी भोजन
रमजान खत्म होने के बाद एकदम से ढेर सारा भोजन करना शुरू ना करें। इसके बजाय दिन में कम-कम मात्रा में 4 से 5 बार खाएं। छोटे और हल्के मील्स लें जिससे इस पाचन के पैटर्न में धीरे-धीरे शरीर ढलने लगे। इससे पाचन तंत्र पर एकदम से दबाव नहीं पड़ता है और शरीर में दिनभर ऊर्जा भी बनी रहती है।
प्रोटीन वाले फूड्स ने
अपनी थाली को प्रोटीन वाले फूड्स से भरें। अच्छे क्वालिटी का प्रोटीन लेना जरूरी है। हरी पत्तेदार सब्जियां, ताजा सब्जियां और कार्बोहाइड्रेट्स वाले फूड्स भी आपके लिए अच्छे रहेंगे। शुगर और फैट वाली चीजों को खाने से परहेज करें क्योंकि इससे मेटाबॉलिज्म धीमा होगा और रमजान के बाद शरीर को वापस सामान्य होने में मुश्किल होगी।
ज्यादा से ज्यादा पानी पियें
रमजान का महीना गर्म होता है। मार्च से अप्रैल तक के दिन गर्म बीते हैं। गर्म महीने में हम जो कुछ खाते हैं उसके खनिज शरीर से पसीने के रूप में निकल सकते हैं। ऐसे में शरीर की पानी की कमी को पूरा करना जरूरी है। इससे किडनी की सफाई होगी और शरीर डिटॉक्सिफाई भी होगा । इससे ब्लड प्रेशर रेग्यूलेट होने में मदद मिलेगी और डिहाइड्रेटेड नहीं लगेगा। दिन में सामान्यतौर पर 2.5 लीटर पानी पीना सही रहता है। आप सादे पानी के साथ ही नारियल पानी भी पी सकते हैं।
रमजान के बाद शरीर के सोने की आदतों पर भी ध्यान दें और नाश्ते के समय को बदलें। रमजान में नींद से उठकर सहरी खाई जाती है और उसके बाद सोया जाता है। रमजान खत्म होने के बाद समय से उठें, नाश्ता खाएं और अपने बाकी दिन के कामों में लग जाएं। कोशिश करें कि हफ्ते में 2 से 3 बार ही सही लेकिन एक्टिव वर्कआउट करें। आधा घंटा भी वर्कआउट करें तो शरीर के लिए अच्छा होगा। अपने स्लीपिंग पैटर्न को सामान्य करें क्योंकि इसका शरीर पर अत्यधिक प्रभाव पड़ता है।