---Advertisement---

सेना के ड्रोन्स में चीनी पुर्जे लगाने पर रोक:डिफेंस मिनिस्ट्री ने 200 ऑर्डर होल्ड किए, मैन्युफैक्चरर्स से कहा- चीनी कंपोनेंट नहीं हैं, इसके सबूत दें

By Tamishree Mukherjee

Published :

Follow

Join WhatsApp

Join Now

सोशल संवाद/ डेस्क : भारतीय डिफेंस एस्टैब्लिश्मेंट ऐसा मैकेनिज्म तैयार कर रहे हैं, जिससे ये सुनिश्चित किया जा सके कि देश की प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों से खरीदे गए ड्रोन्स में चीनी कंपोनेंट नहीं हैं। दरअसल, खुफिया एजेंसियों ने उन ड्रोन में चीनी पुर्जों के इस्तेमाल को लेकर चिंता जताई है, जिन्हें भारतीय सेना ने घरेलू निजी कंपनियों से खरीदा है।

हाल ही में डिफेंस मिनिस्ट्री ने 200 मीडियम-एल्टीट्यूड लॉजिस्टिक्स ड्रोन के ऑर्डर को होल्ड पर रख दिया था। मंत्रालय ने मैन्युफैक्चरर से कहा था कि वह इस बात का सबूत दे कि इन ड्रोन में चीनी कंपोनेंट इस्तेमाल नहीं हुए हैं। इन ड्रोन्स को चीन से लगी भारत की उत्तरी सीमा पर तैनात किया जाना था।

सेना ने ड्रोन बनाने वाली कंपनियों को चेतावनी दी

आर्मी डिजाइन ब्यूरो के एडिशनल डायरेक्टर मेजर जनरल सी एस मान ने बुधवार को कहा कि इस फ्रेमवर्क को मजबूत बनाने के लिए कई तरीकों पर सोच-विचार किया जा रहा है। रक्षा मंत्रालय के डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस प्रोडक्शन ने इंडस्ट्री बॉडीज Ficci, CII, Assocham को कहा है कि अपनी सदस्य कंपनियों को कहें कि वे ड्रोन या अन्य संबंधित इक्विपमेंट बनाने में चीनी कंपोनेंट का इस्तेमाल करने से बचें।

पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ चल रहे सैन्य टकराव को अब पांच साल हो गए हैं, इस दौरान भारतीय सेना ने कई तरीकों के ड्रोन खरीदे हैं। इसमें नैनो, मिनी और माइक्रो ड्रोन से लेकर कामिकाजे, लॉजिस्टिक्स, आर्म्ड स्वार्म्स और फाइटर साइज MALE (मीडियम एल्टीट्यूड, लॉन्ग एंड्यूरेंस) और HALE (हाई एल्टीट्यूड, लॉन्ग एंड्यूरेंस) ड्रोन शामिल हैं।

YouTube Join Now
Facebook Join Now
Social Samvad MagazineJoin Now
---Advertisement---