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बड़ौदा घाट – गंदगी, बदबू और जामी नालियों से स्वास्थ्य संकट स्वच्छता व त्वरित कार्रवाई अनिवार्य  

By Riya Kumari

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Baroda Ghat - Health crisis due to dirt, stench and clogged drains

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सोशल संवाद / जमशेदपुर: बड़ौदा घाट,  पारंपरिक समारोहों के लिए अत्यंत पूजनीय स्थल है, वर्तमान में गंदगी, बदबू और स्वास्थ्य जोखिम का गढ़ बन चुका है। 01 मार्च 2025 से सफाई व्यवस्था में बदलाव किए जाने, नए संवेदकों व कर्मचारियों की नियुक्ति और व्हाट्सएप आधारित शिकायत तंत्र शुरू करने के बावजूद, घाट की वास्तविक दशा में कोई सुधार नहीं हुआ है।नालियाँ जाम, आसपास बदबूदार पानी, विस्तार से जानलेवा वातावरण घाट की सीढ़ियाँ कचरे के ढेर द्वारा ढकी, श्रद्धालुओं और आम लोगों के लिए असुविधाजनक ।

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प्रशासन द्वारा व्यवस्था में बदलाव की घोषणाओं का भ्रामक दायरा क्षेत्रवासियों को लगातार स्वास्थ्य समस्याओं और पर्यावरणीय ख़तरे का सामना करना पड़ रहा है। नगर निगम/पंचायत द्वारा तुरंत नालियों की पूर्ण सफा। घाट के सीढ़ियों पर प्रतिदिन सफाई टीम (सुबह शाम) की सतत तैनाती।

सफाई और अव्यवस्था पर प्रभावी निगरानी के लिए नियमित मौज़मी दौरे और प्रभाव मूल्यांकन। पानी के निकासी पाइप, कचरा पात्र, सार्वजनिक शौचालयों का तुरन्त निर्माण।व्हाट्सएप शिकायत प्रणाली के बजाय, स्थानीय हेल्पडेस्क स्लिप प्रणाली लगे, ताकि कर्मियों की जवाबदेही सुनिश्चित हो स्थानीय स्वयंसेवकों/संस्थाओं का समावेश, ताकि जन-जागरूकता अभियान से घाट स्वच्छता सुनिश्चित हो

अधिकारियों से अपील:

हम  अधिकारी एवं नगर जल निकासी विभाग से अपील करते हैं कि वे तुरंत 10 दिनों के भीतर उपरोक्त कार्य शुरू करवाएँ। अन्यथा परिषद कानूनी और प्रशासनिक दोनों रास्तों से कार्रवाई करने के लिए बाध्य होगी।

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