सोशल संवाद/डेस्क : बेंगलुरु भगदड़ मामले की गुरुवार को कर्नाटक हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान एक्टिंग चीफ जस्टिस वी कामेश्वर राव और जस्टिस सी एम जोशी बेंच ने राज्य सरकार को हादसे पर रिपोर्ट पेश करने का नोटिस दिया है।
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अब अगली सुनवाई 10 जून को होगी। राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया, ‘भगदड़ के बाद घायलों को तुरंत इलाज मुहैया करवाया गया। विक्ट्री परेड के दौरान 1380 पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे।’ हालांकि, डिप्टी सीएम एक दिन पहले 1000 सुरक्षाकर्मी तैनात होने की जानकारी दी थी। वहीं, याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट से कहा, ‘राज्य सरकार को यह बताना चाहिए कि आरसीबी के खिलाड़ियों को सम्मानित करने का फैसला किसने लिया है। जो खिलाड़ी देश के लिए नहीं खेलते, उन्हें सम्मानित करने की क्या मजबूरी थी।’

दरअसल, 4 मई को रॉयल चैंलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) ने पहली बार IPL खिताब जीतने पर बेंगलुरु में विक्ट्री परेड का आयोजन किया था। पहले राज्य सरकार ने विधानसभा परिसर में सभी खिलाड़ियों का सम्मान किया। इसके बाद चिन्नास्वामी स्टेडियम में कार्यक्रम में हुआ। इससे पहले ही स्टेडियम के बाहर जुटी भीड़ में भगदड़ मचने से 11 लोगों की मौत हो गई। 33 घायल हैं। सभी मरने वाले 35 साल से कम उम्र के थे, 3 टीनएजर हैं।
चार पॉइंट्स में समझें… इतना बड़ा हादसा क्यों और कैसे हुआ?
स्टेडियम में फ्री पास से एंट्री। पास आरसीबी की वेबसाइट से लेने थे। बुधवार को यह घोषणा होने के बाद बड़ी संख्या में लोग वेबसाइट विजिट करने लगे तो साइट क्रैश हो गई। पास पाने वालों के साथ ही बिना पास के लोग भी स्टेडियम पहुंचे। इससे भीड़ का अंदाजा नहीं हो सका। प्रारंभिक जांच के मुताबिक भीड़ ने स्टेडियम में घुसने के लिए गेट नंबर 12, 13 और 10 तोड़ने की कोशिश की। पुलिस ने लाठीचार्ज किया। नाले पर रखा स्लैब ढह गया। हल्की बारिश के बीच भगदड़ मच गई।
दोपहर लगभग 3:30 बजे भीड़ और बढ़ी तो सभी गेट बंद कर दिए गए। इससे पास वाले भी अंदर नहीं घुस पाए। हंगामा शुरू हो गया। गेट नंबर 10 पर स्थिति ज्यादा बिगड़ी। पुलिस ने महिलाओं-बच्चों को पीछे धकेला, कुछ महिलाएं बेहोश होकर गिर गईं।
सरकार ने कहा- 5 हजार सुरक्षाकर्मी थे, लेकिन भीड़ बहुत थी। इसलिए विक्ट्री परेड नहीं हो सकी। सूत्रों के मुताबिक इनमें से ज्यादातर पुलिसकर्मी 36 घंटे से ड्यूटी पर थे।

मरने वालों में सभी की उम्र 35 से कम, इनमें 3 टीनएजर
बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में हुई भगदड़ में जान गंवाने वाले सभी लोग 35 साल से कम उम्र के थे। सबसे छोटी पीड़िता 13 साल की दिव्यांशी थी। मरने वालों में तीन टीनएजर और छह युवा थे, जिनकी उम्र 20 से 30 साल के बीच थी। ये सभी लोग अपने दोस्तों के साथ रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की जीत का जश्न मनाने आए थे। कुछ लोग बेंगलुरु से थे, तो कुछ दूसरे जिलों से आए थे। लेकिन भारी भीड़ और अव्यवस्था के कारण जश्न एक दुखद हादसे में बदल गया। हादसे में 11 लोगों की मौत हुई और 33 घायल हुए।
मृतकों में दिव्यांशी (13), दोरेशा (32), भूमिक (20), सहाना (25), अक्षता (27), मनोज (33), श्रवण (20), देवी (29), शिवलिंगा (17), चिन्नैया (19) और प्रज्वल (20) शामिल हैं।