सोशल संवाद/दिल्ली (रिपोर्ट- सिद्धार्थ ) : केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के सभी किसानों को बहुत बड़ी सौगात देते हुए कृषि भूमि और यमुना बांध से सटी कृषि भूमि का सर्किल रेट बढ़ाने का फैसला लिया है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को इसके प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। कृषि भूमि के सर्किल रेट 2008 के बाद पहली बार यानि करीब 15 साल बाद बढ़ाए गए हैं। 2013 व 2015 में सरकार बनने के बाद से ही केजरीवाल सरकार कृषि भूमि के सर्किल रेट बढ़ाने को लेकर लगातार प्रयासरत थी।
बीच में कोविड-19 आ जाने की वजह से सर्किल रेट बढाने की प्रक्रिया बाधित हुई। अब केजरीवाल सरकार ने कृषि भूमि के रेट नए सिरे से तय कर दिया है। पहले पूरी दिल्ली में कृषि भूमि का सर्किल रेट एक सामान होता था, लेकिन अब जिलावार तय किया गया है। साथ ही, इसे ग्रीन बेल्ट विलेज, अर्बनाइज्ड विलेज और रूरल विलेज कटेगरी में बांटा गया है। साउथ और नई दिल्ली जिले में कृषि भूमि का सर्किल रेट सबसे अधिक 5 करोड़ रुपए प्रति एकड़ होगा। अब इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए एलजी के पास भेजा जाएगा।
सोमवार को दिल्ली सचिवालय में राजस्व मंत्री आतिशी ने कृषि भूमि और यमुना बांध से सटी कृषि भूमि के सर्किल रेट बढ़ाने के प्रस्ताव को सीएम अरविंद केजरीवाल के समक्ष रखा था, जिसे उन्होंने तत्काल अपनी मंजूरी दे दी। सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि दिल्ली के किसानों की ये बहुत समय से मांग थी कि उनकी खेती की ज़मीन के रेट बढ़ाए जाएं।
इस वजह से किसान जब अपनी जमीन बेचना चाहते हैं तो उन्हें उसका उचित दाम नहीं मिलता है। साथ ही जब दिल्ली सरकार विभिन्न विकास कार्यों जैसे सड़कें-फ्लाईओवर, यूनिवर्सिटी-अस्पताल बनाने के लिए किसानों की जमीन का अधिग्रहण करती है तो किसानों को अधिसूचित सर्किल रेट 53 लाख रुपए प्रति एकड़ के अनुसार ही मुआवजा मिलता है, जो मौजूदा मार्केट रेट के हिसाब से कम है।
राजस्व मंत्री आतिशी ने कहा कि कृषि भूमि का सर्किल रेट कम होने से किसानों को नुकसान होने के साथ ही दिल्ली सरकार को भी नुकसान होता है। क्योंकि जब किसानों को उनकी जमीन का कम मुआवजा मिलता है तो वे सरकारी प्रोजेक्ट के लिए अपनी जमीन नहीं देना चाहते हैं। ऐसे में कई बार मामला कोर्ट तक जाता है और लंबे समय तक केस चलता है। इस वजह से बहुत से विकास कार्यों कोपूरा करने में देरी हो जाती है। चूंकि अब सर्किल रेट में नए बदलाव किए गए हैं।
राजस्व मंत्री आतिशी ने कहा कि वर्तमान में पूरी दिल्ली में कृषि भूमि का सर्किल रेट हर जिले में एक समान 53 लाख रुपए प्रति एकड़ था, जबकि वास्तविक रूप में दिल्ली के कुछ हिस्सों में जमीन की कीमतें बाकी जगहों की तुलना में काफी ज्यादा है और जमीन की मांग भी काफी ज्यादा है। ऐसे में इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार ने किसानों के हक में यह फैसला लिया है और कृषि भूमि के सर्किल रेट में बदलाव करने का भी फैसला लिया है।
राजस्व मंत्री आतिशी ने कहा कि दिल्ली सरकार के इस फैसले के बाद दिल्ली के किसानों को दो बड़े फायदे होंगे। पहला, किसान जब मार्किट में अपनी जमीन बेचने जाएंगे तो उन्हें उसका वाजिब दाम मिलेगा। दूसरा, सरकार जब किसी विकासात्मक कार्य के लिए किसानों की भूमि का अधिग्रहण करेगी तब किसानों को उचित मुआवजा मिलेगा।
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